कहीं न राह में सूरज का क़हर टूट पड़े, तू अपनी याद मिरे आस-पास रहने दे! - Aas-Paas Shayari

कहीं न राह में सूरज का क़हर टूट पड़े, तू अपनी याद मिरे आस-पास रहने दे!

Aas-Paas Shayari