मैं इस लिए भी कभी खुल के हँस नहीं पाता, उदास लोग मिरे आस-पास बैठते हैं! - Aas-Paas Shayari

मैं इस लिए भी कभी खुल के हँस नहीं पाता, उदास लोग मिरे आस-पास बैठते हैं!

Aas-Paas Shayari