उम्र गुज़री रहगुज़र के आस-पास, रक़्स करते उस नज़र के आस-पास।

उम्र गुज़री रहगुज़र के आस-पास, रक़्स करते उस नज़र के आस-पास।

Aas-Paas Shayari

तुम नहीं पास कोई पास नहीं, अब मुझे ज़िंदगी की आस नहीं

तुम नहीं पास कोई पास नहीं, अब मुझे ज़िंदगी की आस नहीं

लाशों का एक ढेर है घेरे हुए मुझे, आबाद एक शहर मिरे आस-पास है

लाशों का एक ढेर है घेरे हुए मुझे, आबाद एक शहर मिरे आस-पास है

रहता है कोई शख़्स मिरे दिल के आस पास, मैं ने उसे क़रीब से देखा नहीं तो क्या!

रहता है कोई शख़्स मिरे दिल के आस पास, मैं ने उसे क़रीब से देखा नहीं तो क्या!

ख़याल में भी कभी जब वो ख़ुश-लिबास आए, महकते फूलों की ख़ुश्बू भी आस-पास आए!

ख़याल में भी कभी जब वो ख़ुश-लिबास आए, महकते फूलों की ख़ुश्बू भी आस-पास आए!

 यूँ लग रहा है जैसे कोई आस-पास है, वो कौन है जो है भी नहीं और उदास है!

यूँ लग रहा है जैसे कोई आस-पास है, वो कौन है जो है भी नहीं और उदास है!

 ये गर्म गर्म से आँसू बता रहे हैं यही, ज़रूर आग कहीं दिल के आस-पास लगी!

ये गर्म गर्म से आँसू बता रहे हैं यही, ज़रूर आग कहीं दिल के आस-पास लगी!

 धुँदली सी एक याद किसी क़ब्र का दिया, और मेरे आस-पास चमकता हुआ सा कुछ

धुँदली सी एक याद किसी क़ब्र का दिया, और मेरे आस-पास चमकता हुआ सा कुछ

चमकी थी एक बर्क़ सी फूलों के आस-पास, फिर क्या हुआ चमन में मुझे कुछ ख़बर नहीं।

चमकी थी एक बर्क़ सी फूलों के आस-पास, फिर क्या हुआ चमन में मुझे कुछ ख़बर नहीं।

 मैं दूरियों के बावजूद तेरे आस पास था, मयूरका के साहिलों पे मैं बहुत उदास था।

मैं दूरियों के बावजूद तेरे आस पास था, मयूरका के साहिलों पे मैं बहुत उदास था।

रहते हैं आस पास ही लेकिन साथ नहीं होते, कुछ लोग जलते हैं मुझसे बस खाक नहीं होते।

रहते हैं आस पास ही लेकिन साथ नहीं होते, कुछ लोग जलते हैं मुझसे बस खाक नहीं होते।

 इश्क़ जब तक न आस-पास रहा, हुस्न तन्हा रहा उदास रहा।

इश्क़ जब तक न आस-पास रहा, हुस्न तन्हा रहा उदास रहा।

 आरज़ू आबाद है बिखरे खंडर के आस पास, दर्द की दहलीज़ पर गर्द-ए-सफ़र के आस पास!

आरज़ू आबाद है बिखरे खंडर के आस पास, दर्द की दहलीज़ पर गर्द-ए-सफ़र के आस पास!

मेरी सदा खिच इस तरह आई है लौट कर, महसूस हो रहा है कोई आस-पास है।

मेरी सदा खिच इस तरह आई है लौट कर, महसूस हो रहा है कोई आस-पास है।

कोई भी काम करता हे दुनिया में हर मनुष्य तो आशा ही उसकी ताकत होती हे।

कोई भी काम करता हे दुनिया में हर मनुष्य तो आशा ही उसकी ताकत होती हे।

 निष्क्रियता आशा को खत्म कर देती है।

निष्क्रियता आशा को खत्म कर देती है।

चलो  सज्जनों, मैं आशा करता हूँ कि हम सारी निर्दयता पी जायेंगे!

चलो सज्जनों, मैं आशा करता हूँ कि हम सारी निर्दयता पी जायेंगे!

कच्ची मिट्टी का बना होता है उम्मीदों का घर, ढह जाता है हकीकत की बारिश में अक्सर.

कच्ची मिट्टी का बना होता है उम्मीदों का घर, ढह जाता है हकीकत की बारिश में अक्सर.

कभी मन की निराशा कभी जीने की आशा कभी खुशियों की धुप कभी ककीकत की छाव कुछ खोकर कुछ पाने की आशा शायद यही हे जीवन की परिभाषा।

कभी मन की निराशा कभी जीने की आशा कभी खुशियों की धुप कभी ककीकत की छाव कुछ खोकर कुछ पाने की आशा शायद यही हे जीवन की परिभाषा।