रंग का खुमार ऐसा  बरस रहा है,  हर कोई खेलने को होली तरस रहा है.   - Baras Shayari

रंग का खुमार ऐसा बरस रहा है, हर कोई खेलने को होली तरस रहा है.

Baras Shayari