चुप रहूंगा जुबान ना खोलूंगा तुम बेवफाई करना या वफ़ा मैं कुछ नहीं अब बोलूंगा।

चुप रहूंगा जुबान ना खोलूंगा तुम बेवफाई करना या वफ़ा मैं कुछ नहीं अब बोलूंगा।

Chup Shayari

किसी रोज तो मेरे गम के बादल छटेंगे, किसी रोज तो कोई महताब मेरे गली से गुजरेगा।

किसी रोज तो मेरे गम के बादल छटेंगे, किसी रोज तो कोई महताब मेरे गली से गुजरेगा।

 हमारे शहर आजा, यहाँ सदा बरसात रहती है, कभी बादल बरस्ते है तो कभी आँखें बरसती है।

हमारे शहर आजा, यहाँ सदा बरसात रहती है, कभी बादल बरस्ते है तो कभी आँखें बरसती है।

 बिन मौसम रोता है वो बादल, सिर्फ धरती के प्यार में।

बिन मौसम रोता है वो बादल, सिर्फ धरती के प्यार में।

आज दिल करता है कि बादल बनकर बरस जाऊँ तू भीग जाए मुझ में और में तुझ कही खो जाऊँ ।

आज दिल करता है कि बादल बनकर बरस जाऊँ तू भीग जाए मुझ में और में तुझ कही खो जाऊँ ।

बादल भी आज थोड़ा शर्मा से गए है, लगता है किसी बिजली से मिलेकर आए है।

बादल भी आज थोड़ा शर्मा से गए है, लगता है किसी बिजली से मिलेकर आए है।

शायद इन बादलों को भी इश्क़ में धोखा मिला है नादान दिन-रात अश्क़ बहाते हैं आज कल।

शायद इन बादलों को भी इश्क़ में धोखा मिला है नादान दिन-रात अश्क़ बहाते हैं आज कल।

तेरी ज़ुल्फ़ को मैंने जबसे बादल माना है दुश्मनी हवाओं से होना लाज़मी है।

तेरी ज़ुल्फ़ को मैंने जबसे बादल माना है दुश्मनी हवाओं से होना लाज़मी है।

बुरा काम होता देख हम बोल पड़ते हैं अक्सर लोग हमें, जुर्म सहना सिखाना चाहते हैं।।

बुरा काम होता देख हम बोल पड़ते हैं अक्सर लोग हमें, जुर्म सहना सिखाना चाहते हैं।।

चुप रहना चाहें भी तो जुबान को रोक नहीं पाते हम बुरा होता देख चुप रह ही नहीं पाते।

चुप रहना चाहें भी तो जुबान को रोक नहीं पाते हम बुरा होता देख चुप रह ही नहीं पाते।

कुछ आपका अंदाज है कुछ मौसम रंगीन है तारीफ करूँ या चुप रहूँ, जुर्म दोनो संगीन है।

कुछ आपका अंदाज है कुछ मौसम रंगीन है तारीफ करूँ या चुप रहूँ, जुर्म दोनो संगीन है।

सच कहूँ तो सवाल करते हैं लोग चुप रहूँ तो इस्तेमाल करते हैं लोग।

सच कहूँ तो सवाल करते हैं लोग चुप रहूँ तो इस्तेमाल करते हैं लोग।

चुपचाप चले थे जिन्दगी के सफ़र में तुम पर नजर पड़ी और गुमराह हो गये।

चुपचाप चले थे जिन्दगी के सफ़र में तुम पर नजर पड़ी और गुमराह हो गये।

अक्सर पूछते हैं लोग के चुप चाप से क्यों रहते हो अपने दिल की बातें किसीसे क्यों ना कहते हो।

अक्सर पूछते हैं लोग के चुप चाप से क्यों रहते हो अपने दिल की बातें किसीसे क्यों ना कहते हो।

बिना बात के किसीसे ज्यादा ना बोला कीजिए दिल भी आजकल सोच समझ कर खोला कीजिए।

बिना बात के किसीसे ज्यादा ना बोला कीजिए दिल भी आजकल सोच समझ कर खोला कीजिए।

मेरा चुप रहना मेरे दुश्मनों को खलता है उन्हें मालूम है शेर खामोशी से ही वार करता है।

मेरा चुप रहना मेरे दुश्मनों को खलता है उन्हें मालूम है शेर खामोशी से ही वार करता है।

जो हमारी पीठ पीछे हमारी बुराई करते हैं सामबे आकर चुप हो जाते हैं उनकी ज़ुबान नहीं खुलती।

जो हमारी पीठ पीछे हमारी बुराई करते हैं सामबे आकर चुप हो जाते हैं उनकी ज़ुबान नहीं खुलती।

मुझे भी आता है अंदाज़ दिल तोड़ने के हर दिल में ख़ुदा बसता है यही सोचकर चुप हूँ।

मुझे भी आता है अंदाज़ दिल तोड़ने के हर दिल में ख़ुदा बसता है यही सोचकर चुप हूँ।

यह चुप रहना मेरी तब ताकत बन जाता है जब कोई गलत बोलने के बाद पछताता है।

यह चुप रहना मेरी तब ताकत बन जाता है जब कोई गलत बोलने के बाद पछताता है।