चुपचाप चले थे जिन्दगी के सफ़र में तुम पर नजर पड़ी और गुमराह हो गये। - Chup Shayari

चुपचाप चले थे जिन्दगी के सफ़र में तुम पर नजर पड़ी और गुमराह हो गये।

Chup Shayari