हम को निगल सकें ये अंधेरों में दम कहाँ, जब चाँदनी से अपनी मुलाक़ात हो गई।

हम को निगल सकें ये अंधेरों में दम कहाँ, जब चाँदनी से अपनी मुलाक़ात हो गई।

Chandani Shayari

 मेरा प्यार जल रहा है अरे चाँद आज छुप जा, कभी प्यार था हमें भी तेरी चाँदनी से पहले।

मेरा प्यार जल रहा है अरे चाँद आज छुप जा, कभी प्यार था हमें भी तेरी चाँदनी से पहले।

 एक चाँद की चाँदनी आँखों को ऐसी भा गई, बेवजह ही सुबह से दुश्मनी हो गई।

एक चाँद की चाँदनी आँखों को ऐसी भा गई, बेवजह ही सुबह से दुश्मनी हो गई।

है निस-ए-शब वो दिवाना अभी तक घर नहीं आया, किसी से चाँदनी रातों का किस्सा छिड़ गया होगा।

है निस-ए-शब वो दिवाना अभी तक घर नहीं आया, किसी से चाँदनी रातों का किस्सा छिड़ गया होगा।

वो चाँदनी का बदन ख़ुशबुओं का साया है, बहुत अज़ीज़ हमें है, मगर पराया है!

वो चाँदनी का बदन ख़ुशबुओं का साया है, बहुत अज़ीज़ हमें है, मगर पराया है!

चाँदनी और चाँद में लो गुफ़्तगु छिड़ गई, सितारे हुए खामोश, महफ़िल जम गई।

चाँदनी और चाँद में लो गुफ़्तगु छिड़ गई, सितारे हुए खामोश, महफ़िल जम गई।

चाँद की ज़रूरत हैं जैसे चाँदनी के लिए, बस एक सनम चाहिए आशिकी के लिए।

चाँद की ज़रूरत हैं जैसे चाँदनी के लिए, बस एक सनम चाहिए आशिकी के लिए।

एक चाँद की चाँदनी आँखों को ऐसी भा गई, बेवजह ही सुबह से दुश्मनी हो गई ।

एक चाँद की चाँदनी आँखों को ऐसी भा गई, बेवजह ही सुबह से दुश्मनी हो गई ।

महक रही है ज़मीं चाँदनी के फूलों से, ख़ुदा किसी की मोहब्बत पे मुस्कराया है।

महक रही है ज़मीं चाँदनी के फूलों से, ख़ुदा किसी की मोहब्बत पे मुस्कराया है।

रात को दे दो चाँदनी की रिदा, दिन की चादर अभी उतारी है ।

रात को दे दो चाँदनी की रिदा, दिन की चादर अभी उतारी है ।

आपकी याद आती रही रात-भर, चाँदनी दिल दुखाती रही रात-भर।

आपकी याद आती रही रात-भर, चाँदनी दिल दुखाती रही रात-भर।

 क्या ज़रूरी है हर रात को चाँद तुमको मिले, जुगनुओ से नीस्बत रखो चाँदनी का भरोसा नही।

क्या ज़रूरी है हर रात को चाँद तुमको मिले, जुगनुओ से नीस्बत रखो चाँदनी का भरोसा नही।

 चाँद से प्यारी चाँदनी, चाँदनी से प्यारी रात, रात से प्यारी ज़िन्दगी, ज़िन्दगी से प्यारे आप।

चाँद से प्यारी चाँदनी, चाँदनी से प्यारी रात, रात से प्यारी ज़िन्दगी, ज़िन्दगी से प्यारे आप।

 बरस पड़ी थी जो रुख़ से नक़ाब उठाने में, वो चाँदनी है अभी तक मेरे ग़रीब-ख़ाने में।

बरस पड़ी थी जो रुख़ से नक़ाब उठाने में, वो चाँदनी है अभी तक मेरे ग़रीब-ख़ाने में।

अँन्धेरों में जल उठना, चाँदनी में खो जाना, एक रंग अपना है, एक रंग दुनिया का।

अँन्धेरों में जल उठना, चाँदनी में खो जाना, एक रंग अपना है, एक रंग दुनिया का।

 यादों के साये में हम जी-जी के मरे, और चाँदनी रातों मे मर-मर के जीये।

यादों के साये में हम जी-जी के मरे, और चाँदनी रातों मे मर-मर के जीये।

पैमाना टूटने का कोई ग़म नहीं मुझे, ग़म है तो ये कि चाँदनी रातें बिखर गईं।

पैमाना टूटने का कोई ग़म नहीं मुझे, ग़म है तो ये कि चाँदनी रातें बिखर गईं।

लहू में उतरती रही चाँदनी, बदन रात का कितना ठंडा लगा।

लहू में उतरती रही चाँदनी, बदन रात का कितना ठंडा लगा।

मै चूड़ियों की खनक से उसे पास बुलाती हूँ  किसी को शक ना हो जाये थोड़ा घबराती हूँ लेकिन उसको देखने की चाहत में उसके घर के सामने से जाते हुए चूड़ियां खनखनाती हूँ

मै चूड़ियों की खनक से उसे पास बुलाती हूँ किसी को शक ना हो जाये थोड़ा घबराती हूँ लेकिन उसको देखने की चाहत में उसके घर के सामने से जाते हुए चूड़ियां खनखनाती हूँ