नज़र की चोट जिगर में रहे तो अच्छा है, ये बात घर की है, घर में रहे तो अच्छा है.
 - Chot Shayari

नज़र की चोट जिगर में रहे तो अच्छा है, ये बात घर की है, घर में रहे तो अच्छा है.

Chot Shayari