आज फिर नींद को आँखों से बिछड़ते देखा, आज फिर याद कोई चोट पुरानी आई.
 - Chot Shayari

आज फिर नींद को आँखों से बिछड़ते देखा, आज फिर याद कोई चोट पुरानी आई.

Chot Shayari