चोट ऐसी जगह दे के गया, जख्म फिर ना दिखाने सा रहा.

चोट ऐसी जगह दे के गया, जख्म फिर ना दिखाने सा रहा.

Chot Shayari

नसीहतों से कह दो अभी मैं मगरूर हूँ, हालांकि सच ये है कि बहुत मजबूर हूँ,

नसीहतों से कह दो अभी मैं मगरूर हूँ, हालांकि सच ये है कि बहुत मजबूर हूँ,

माना कि दिल की चोट दिखती नहीं, पर मतलब यह तो नही कि वो दुखती नहीं.

माना कि दिल की चोट दिखती नहीं, पर मतलब यह तो नही कि वो दुखती नहीं.

नज़र की चोट जिगर में रहे तो अच्छा है, ये बात घर की है, घर में रहे तो अच्छा है.

नज़र की चोट जिगर में रहे तो अच्छा है, ये बात घर की है, घर में रहे तो अच्छा है.

जो बातें चोट पहुँचाती है, बड़े सबक दे जाती है.

जो बातें चोट पहुँचाती है, बड़े सबक दे जाती है.

आज फिर नींद को आँखों से बिछड़ते देखा, आज फिर याद कोई चोट पुरानी आई.

आज फिर नींद को आँखों से बिछड़ते देखा, आज फिर याद कोई चोट पुरानी आई.

जिसकी चोट पर हमने सदा मरहम लगायें, हमारे वास्ते फिर उसने नये खंजर मगायें.

जिसकी चोट पर हमने सदा मरहम लगायें, हमारे वास्ते फिर उसने नये खंजर मगायें.

मेरी जान अपना ख्याल रखा करो, तुम्हें चोट लगती है तो दर्द मेरे दिल में होता है.

मेरी जान अपना ख्याल रखा करो, तुम्हें चोट लगती है तो दर्द मेरे दिल में होता है.

निगाहों से भी चोट लगती है, जब कोई अपना देखकर अनदेखा कर दे.

निगाहों से भी चोट लगती है, जब कोई अपना देखकर अनदेखा कर दे.

चाहत इतनी थी कि उनको बताई न गई, चोट दिल पर लगी इसलिए दिखाई न गई.

चाहत इतनी थी कि उनको बताई न गई, चोट दिल पर लगी इसलिए दिखाई न गई.

जहाँ चोट खाना, वही मुस्कुराना मगर इस अदा से कि रो दे जमाना.

जहाँ चोट खाना, वही मुस्कुराना मगर इस अदा से कि रो दे जमाना.

मोहब्बत करके निभाना जरूर, अक्सर चोट खाता है दिल बेकसूर.

मोहब्बत करके निभाना जरूर, अक्सर चोट खाता है दिल बेकसूर.

निगाहों से भी चोट लगती है जनाब,  जब कोई देख कर भी अनदेखा  कर देता है.

निगाहों से भी चोट लगती है जनाब, जब कोई देख कर भी अनदेखा कर देता है.

शब्द हथियार, शब्द ही प्रहार शब्द की चोट, शब्द ही उपचार.

शब्द हथियार, शब्द ही प्रहार शब्द की चोट, शब्द ही उपचार.

सांवला है रंग थोड़ा कड़क मिजाज है, सुनो तुम पसंद हो मुझे, तुम्हारा चाय जैसा स्वाद है।

सांवला है रंग थोड़ा कड़क मिजाज है, सुनो तुम पसंद हो मुझे, तुम्हारा चाय जैसा स्वाद है।

मिलों कभी चाय पर फिर कोई किस्से बुनेंगे, तुम खामोशी से कहना हम चुपके से सुनेंगे !

मिलों कभी चाय पर फिर कोई किस्से बुनेंगे, तुम खामोशी से कहना हम चुपके से सुनेंगे !

किसको बोलूँ हेलो और किसको बोलू हाय, हर टेंशन की एक ही दवा है अदरक वाली चाय !

किसको बोलूँ हेलो और किसको बोलू हाय, हर टेंशन की एक ही दवा है अदरक वाली चाय !

चाय के नशे का आलम तो कुछ, यह है गालिब कोई राई भी दे, तो अदरक वाली बोल देते हैं !

चाय के नशे का आलम तो कुछ, यह है गालिब कोई राई भी दे, तो अदरक वाली बोल देते हैं !

इक चाय सा नशा है तुझमे भी यारा, सुबह होते ही तुमारी तलब लग जाती है !

इक चाय सा नशा है तुझमे भी यारा, सुबह होते ही तुमारी तलब लग जाती है !