निगाहों से भी चोट लगती है जनाब,  जब कोई देख कर भी अनदेखा  कर देता है.
 - Chot Shayari

निगाहों से भी चोट लगती है जनाब, जब कोई देख कर भी अनदेखा कर देता है.

Chot Shayari