सांवला है रंग थोड़ा कड़क मिजाज है, सुनो तुम पसंद हो मुझे, तुम्हारा चाय जैसा स्वाद है।

सांवला है रंग थोड़ा कड़क मिजाज है, सुनो तुम पसंद हो मुझे, तुम्हारा चाय जैसा स्वाद है।

Chai Lover Shayari

जिसकी चोट पर हमने सदा मरहम लगायें, हमारे वास्ते फिर उसने नये खंजर मगायें.

जिसकी चोट पर हमने सदा मरहम लगायें, हमारे वास्ते फिर उसने नये खंजर मगायें.

मेरी जान अपना ख्याल रखा करो, तुम्हें चोट लगती है तो दर्द मेरे दिल में होता है.

मेरी जान अपना ख्याल रखा करो, तुम्हें चोट लगती है तो दर्द मेरे दिल में होता है.

निगाहों से भी चोट लगती है, जब कोई अपना देखकर अनदेखा कर दे.

निगाहों से भी चोट लगती है, जब कोई अपना देखकर अनदेखा कर दे.

चाहत इतनी थी कि उनको बताई न गई, चोट दिल पर लगी इसलिए दिखाई न गई.

चाहत इतनी थी कि उनको बताई न गई, चोट दिल पर लगी इसलिए दिखाई न गई.

चोट ऐसी जगह दे के गया, जख्म फिर ना दिखाने सा रहा.

चोट ऐसी जगह दे के गया, जख्म फिर ना दिखाने सा रहा.

जहाँ चोट खाना, वही मुस्कुराना मगर इस अदा से कि रो दे जमाना.

जहाँ चोट खाना, वही मुस्कुराना मगर इस अदा से कि रो दे जमाना.

मोहब्बत करके निभाना जरूर, अक्सर चोट खाता है दिल बेकसूर.

मोहब्बत करके निभाना जरूर, अक्सर चोट खाता है दिल बेकसूर.

निगाहों से भी चोट लगती है जनाब,  जब कोई देख कर भी अनदेखा  कर देता है.

निगाहों से भी चोट लगती है जनाब, जब कोई देख कर भी अनदेखा कर देता है.

शब्द हथियार, शब्द ही प्रहार शब्द की चोट, शब्द ही उपचार.

शब्द हथियार, शब्द ही प्रहार शब्द की चोट, शब्द ही उपचार.

मिलों कभी चाय पर फिर कोई किस्से बुनेंगे, तुम खामोशी से कहना हम चुपके से सुनेंगे !

मिलों कभी चाय पर फिर कोई किस्से बुनेंगे, तुम खामोशी से कहना हम चुपके से सुनेंगे !

किसको बोलूँ हेलो और किसको बोलू हाय, हर टेंशन की एक ही दवा है अदरक वाली चाय !

किसको बोलूँ हेलो और किसको बोलू हाय, हर टेंशन की एक ही दवा है अदरक वाली चाय !

चाय के नशे का आलम तो कुछ, यह है गालिब कोई राई भी दे, तो अदरक वाली बोल देते हैं !

चाय के नशे का आलम तो कुछ, यह है गालिब कोई राई भी दे, तो अदरक वाली बोल देते हैं !

इक चाय सा नशा है तुझमे भी यारा, सुबह होते ही तुमारी तलब लग जाती है !

इक चाय सा नशा है तुझमे भी यारा, सुबह होते ही तुमारी तलब लग जाती है !

सर्दियों के बस दो ही जलवे, तुम्हारी याद और हाथ में वो चाय !

सर्दियों के बस दो ही जलवे, तुम्हारी याद और हाथ में वो चाय !

 ये चाय की मोहब्बत तुम क्या जानो, हर एक घूँट में एक अलग ही नशा है !

ये चाय की मोहब्बत तुम क्या जानो, हर एक घूँट में एक अलग ही नशा है !

ये चाय की लत भी बड़ी खराब है, तन्हाई में भी दिलाती तेरी ही याद है !

ये चाय की लत भी बड़ी खराब है, तन्हाई में भी दिलाती तेरी ही याद है !

इश्क में दर्द का होना लाजमी है, क्योंकि बिना चीनी की चाय फीकी लगती है !

इश्क में दर्द का होना लाजमी है, क्योंकि बिना चीनी की चाय फीकी लगती है !

अमीरी और गरीबी नहीं देखती साहब, ये चाय है सबको एक सा सुकून देती है !

अमीरी और गरीबी नहीं देखती साहब, ये चाय है सबको एक सा सुकून देती है !