जब प्यार है ही नहीं तो “दिखावा” क्यों करते हो जब निभा ही नहीं सकते है तो वादा क्यों करते हो

जब प्यार है ही नहीं तो “दिखावा” क्यों करते हो जब निभा ही नहीं सकते है तो वादा क्यों करते हो

Dikhawa Shayari

जब भी उनकी गली से गुज़रता हूँ,  मेरी आंखें एक दस्तक दे देती है,

जब भी उनकी गली से गुज़रता हूँ, मेरी आंखें एक दस्तक दे देती है,

उन दिनों घर से अजब रिश्ता था,  सारे दरवाज़े गले लगते थे।

उन दिनों घर से अजब रिश्ता था, सारे दरवाज़े गले लगते थे।

लगी रहती हैं निगाहे अब दरवाज़े पर, शायद कोई उनका पैगाम आ जाये।

लगी रहती हैं निगाहे अब दरवाज़े पर, शायद कोई उनका पैगाम आ जाये।

दिखावा मत कीजिये, क्योंकि यह अक्सर लोगों को बर्बाद कर देता है!

दिखावा मत कीजिये, क्योंकि यह अक्सर लोगों को बर्बाद कर देता है!

दिखावे की मोहब्बत का ”बाज़ार” चलता है यहाँ, सच्चे एहसास रोज ”खुदखुशी” करते है!

दिखावे की मोहब्बत का ”बाज़ार” चलता है यहाँ, सच्चे एहसास रोज ”खुदखुशी” करते है!

ऐ दुनिया वालों दिखावा करना बंद करो, क्योंकि यह दुनिया की खूबसूरती को कम करती है.

ऐ दुनिया वालों दिखावा करना बंद करो, क्योंकि यह दुनिया की खूबसूरती को कम करती है.

ये बोझ धोकेबाज़ी का उठाया नहीं जाता, पहला धोका तो पहले धोका होता है भूले से भी भुलाया नहीं जाता।

ये बोझ धोकेबाज़ी का उठाया नहीं जाता, पहला धोका तो पहले धोका होता है भूले से भी भुलाया नहीं जाता।

दिखावे की भी एक सीमा होती है, उस ”सीमा” को पार करने का मतलब होता है,  मुसीबत को न्योता देना.

दिखावे की भी एक सीमा होती है, उस ”सीमा” को पार करने का मतलब होता है, मुसीबत को न्योता देना.

हर_किसी को मैं खुश रख सकूं वो सलीका मुझे नहीं आता.. जो मैं नहीं हूँ, वो ‘दिखने’ का तरीका मुझे नहीं आता ।

हर_किसी को मैं खुश रख सकूं वो सलीका मुझे नहीं आता.. जो मैं नहीं हूँ, वो ‘दिखने’ का तरीका मुझे नहीं आता ।

तुझे तो #मोहब्बत भी तेरी ‘औकात’ से ज्यादा की थी, अब तो बात नफरत की है, सोच तेरा क्या होगा…

तुझे तो #मोहब्बत भी तेरी ‘औकात’ से ज्यादा की थी, अब तो बात नफरत की है, सोच तेरा क्या होगा…

प्यार में तो दिखावे के लिए बिल्कुल जगह नहीं होती है.

प्यार में तो दिखावे के लिए बिल्कुल जगह नहीं होती है.

यह बात हमेशा याद रखना सिर्फ दुनिया को दिखाने के लिये अच्छा बनना बुरे बनने से भी बुरा है

यह बात हमेशा याद रखना सिर्फ दुनिया को दिखाने के लिये अच्छा बनना बुरे बनने से भी बुरा है

यक़ीन मानो, शक्ल ज्यादा नहीं बदलेगी बस तुम, ना पहचानने का “दिखावा” मत करना

यक़ीन मानो, शक्ल ज्यादा नहीं बदलेगी बस तुम, ना पहचानने का “दिखावा” मत करना

अगर हो कोई तो तेरी जैसी #नसल हो, दिखावा भी इस ”क़दर” करती हो जैसे असल हो।

अगर हो कोई तो तेरी जैसी #नसल हो, दिखावा भी इस ”क़दर” करती हो जैसे असल हो।

दिखावे की “मोहब्बत” तो जमाने को है ‘हमसे’ पर, ये दिल तो वहाँ बिकेगा जहाँ ज़ज्बातो की कदर होगी…

दिखावे की “मोहब्बत” तो जमाने को है ‘हमसे’ पर, ये दिल तो वहाँ बिकेगा जहाँ ज़ज्बातो की कदर होगी…

अब तो दोस्त भी रूठने लगे हैं, शायद मेरे “दिखावे” से ऊबने लगे हैं.

अब तो दोस्त भी रूठने लगे हैं, शायद मेरे “दिखावे” से ऊबने लगे हैं.

दिखावा_मत कर मेरे शहर में शरीफ होने का हम ‘खामोश’ तो है लेकिन ना-समझ नहीं !

दिखावा_मत कर मेरे शहर में शरीफ होने का हम ‘खामोश’ तो है लेकिन ना-समझ नहीं !

‘शून्य’ को छोड़ “संख्याओं” से दोस्ती की संख्याओं ने फिर से शून्य ही बना डाला !

‘शून्य’ को छोड़ “संख्याओं” से दोस्ती की संख्याओं ने फिर से शून्य ही बना डाला !