दिखावा_मत कर मेरे शहर में शरीफ होने का हम ‘खामोश’ तो है लेकिन ना-समझ नहीं ! - Dikhawa Shayari

दिखावा_मत कर मेरे शहर में शरीफ होने का हम ‘खामोश’ तो है लेकिन ना-समझ नहीं !

Dikhawa Shayari