दिखावा_मत कर मेरे शहर में शरीफ होने का हम ‘खामोश’ तो है लेकिन ना-समझ नहीं !

दिखावा_मत कर मेरे शहर में शरीफ होने का हम ‘खामोश’ तो है लेकिन ना-समझ नहीं !

Dikhawa Shayari

हर_किसी को मैं खुश रख सकूं वो सलीका मुझे नहीं आता.. जो मैं नहीं हूँ, वो ‘दिखने’ का तरीका मुझे नहीं आता ।

हर_किसी को मैं खुश रख सकूं वो सलीका मुझे नहीं आता.. जो मैं नहीं हूँ, वो ‘दिखने’ का तरीका मुझे नहीं आता ।

जब प्यार है ही नहीं तो “दिखावा” क्यों करते हो जब निभा ही नहीं सकते है तो वादा क्यों करते हो

जब प्यार है ही नहीं तो “दिखावा” क्यों करते हो जब निभा ही नहीं सकते है तो वादा क्यों करते हो

तुझे तो #मोहब्बत भी तेरी ‘औकात’ से ज्यादा की थी, अब तो बात नफरत की है, सोच तेरा क्या होगा…

तुझे तो #मोहब्बत भी तेरी ‘औकात’ से ज्यादा की थी, अब तो बात नफरत की है, सोच तेरा क्या होगा…

प्यार में तो दिखावे के लिए बिल्कुल जगह नहीं होती है.

प्यार में तो दिखावे के लिए बिल्कुल जगह नहीं होती है.

यह बात हमेशा याद रखना सिर्फ दुनिया को दिखाने के लिये अच्छा बनना बुरे बनने से भी बुरा है

यह बात हमेशा याद रखना सिर्फ दुनिया को दिखाने के लिये अच्छा बनना बुरे बनने से भी बुरा है

यक़ीन मानो, शक्ल ज्यादा नहीं बदलेगी बस तुम, ना पहचानने का “दिखावा” मत करना

यक़ीन मानो, शक्ल ज्यादा नहीं बदलेगी बस तुम, ना पहचानने का “दिखावा” मत करना

अगर हो कोई तो तेरी जैसी #नसल हो, दिखावा भी इस ”क़दर” करती हो जैसे असल हो।

अगर हो कोई तो तेरी जैसी #नसल हो, दिखावा भी इस ”क़दर” करती हो जैसे असल हो।

दिखावे की “मोहब्बत” तो जमाने को है ‘हमसे’ पर, ये दिल तो वहाँ बिकेगा जहाँ ज़ज्बातो की कदर होगी…

दिखावे की “मोहब्बत” तो जमाने को है ‘हमसे’ पर, ये दिल तो वहाँ बिकेगा जहाँ ज़ज्बातो की कदर होगी…

अब तो दोस्त भी रूठने लगे हैं, शायद मेरे “दिखावे” से ऊबने लगे हैं.

अब तो दोस्त भी रूठने लगे हैं, शायद मेरे “दिखावे” से ऊबने लगे हैं.

‘शून्य’ को छोड़ “संख्याओं” से दोस्ती की संख्याओं ने फिर से शून्य ही बना डाला !

‘शून्य’ को छोड़ “संख्याओं” से दोस्ती की संख्याओं ने फिर से शून्य ही बना डाला !

बनावटी दुनिया में इंसानियत का तमाशा देखा, आज हाथ उठे भी “मदद” को तो दिखावे के लिए !

बनावटी दुनिया में इंसानियत का तमाशा देखा, आज हाथ उठे भी “मदद” को तो दिखावे के लिए !

जो लोग दिखावे में विश्वास करते हैं, वे हमेशा “बेचैन” फिरते हैं.

जो लोग दिखावे में विश्वास करते हैं, वे हमेशा “बेचैन” फिरते हैं.

जिन्दगी में दिखावा इतना भी न करें कि जिन्दगी के आख़िरी पल “अफ़सोस” में गुजारना पड़े.

जिन्दगी में दिखावा इतना भी न करें कि जिन्दगी के आख़िरी पल “अफ़सोस” में गुजारना पड़े.

अच्छे होते है बुरे लोग कम से कम अच्छे ‘होने’ का दिखावा नहीं करते !

अच्छे होते है बुरे लोग कम से कम अच्छे ‘होने’ का दिखावा नहीं करते !

जब दिखावे की मोहब्बत का चलन आम हुआ हम से “क़ुदरत” ने कहा दूर से ही बात करो!

जब दिखावे की मोहब्बत का चलन आम हुआ हम से “क़ुदरत” ने कहा दूर से ही बात करो!

हिम्मत अगर सहने का रखता हूं तो हौंसला तबाह करने का भी रखता हूं ।

हिम्मत अगर सहने का रखता हूं तो हौंसला तबाह करने का भी रखता हूं ।

डुबो दे अपनी कश्ती को,किनारा ढूँढने वाले ये दरिया-ए-मोहब्बत है, यहाँ साहिल नहीं मिलता।

डुबो दे अपनी कश्ती को,किनारा ढूँढने वाले ये दरिया-ए-मोहब्बत है, यहाँ साहिल नहीं मिलता।

कतरा_कतरा बिखर जाएंगे किसी लहरो की तरह  मौत आने तक तेरा इंतजार करेंगे किसी दरिया की तरह।

कतरा_कतरा बिखर जाएंगे किसी लहरो की तरह मौत आने तक तेरा इंतजार करेंगे किसी दरिया की तरह।