कतरा_कतरा बिखर जाएंगे किसी लहरो की तरह  मौत आने तक तेरा इंतजार करेंगे किसी दरिया की तरह।

कतरा_कतरा बिखर जाएंगे किसी लहरो की तरह मौत आने तक तेरा इंतजार करेंगे किसी दरिया की तरह।

Dariya Shayari

दिखावा_मत कर मेरे शहर में शरीफ होने का हम ‘खामोश’ तो है लेकिन ना-समझ नहीं !

दिखावा_मत कर मेरे शहर में शरीफ होने का हम ‘खामोश’ तो है लेकिन ना-समझ नहीं !

‘शून्य’ को छोड़ “संख्याओं” से दोस्ती की संख्याओं ने फिर से शून्य ही बना डाला !

‘शून्य’ को छोड़ “संख्याओं” से दोस्ती की संख्याओं ने फिर से शून्य ही बना डाला !

बनावटी दुनिया में इंसानियत का तमाशा देखा, आज हाथ उठे भी “मदद” को तो दिखावे के लिए !

बनावटी दुनिया में इंसानियत का तमाशा देखा, आज हाथ उठे भी “मदद” को तो दिखावे के लिए !

जो लोग दिखावे में विश्वास करते हैं, वे हमेशा “बेचैन” फिरते हैं.

जो लोग दिखावे में विश्वास करते हैं, वे हमेशा “बेचैन” फिरते हैं.

जिन्दगी में दिखावा इतना भी न करें कि जिन्दगी के आख़िरी पल “अफ़सोस” में गुजारना पड़े.

जिन्दगी में दिखावा इतना भी न करें कि जिन्दगी के आख़िरी पल “अफ़सोस” में गुजारना पड़े.

अच्छे होते है बुरे लोग कम से कम अच्छे ‘होने’ का दिखावा नहीं करते !

अच्छे होते है बुरे लोग कम से कम अच्छे ‘होने’ का दिखावा नहीं करते !

जब दिखावे की मोहब्बत का चलन आम हुआ हम से “क़ुदरत” ने कहा दूर से ही बात करो!

जब दिखावे की मोहब्बत का चलन आम हुआ हम से “क़ुदरत” ने कहा दूर से ही बात करो!

हिम्मत अगर सहने का रखता हूं तो हौंसला तबाह करने का भी रखता हूं ।

हिम्मत अगर सहने का रखता हूं तो हौंसला तबाह करने का भी रखता हूं ।

डुबो दे अपनी कश्ती को,किनारा ढूँढने वाले ये दरिया-ए-मोहब्बत है, यहाँ साहिल नहीं मिलता।

डुबो दे अपनी कश्ती को,किनारा ढूँढने वाले ये दरिया-ए-मोहब्बत है, यहाँ साहिल नहीं मिलता।

दूर से ही बस दरिया दरिया लगता है डूब के देखो कितना प्यासा लगता है

दूर से ही बस दरिया दरिया लगता है डूब के देखो कितना प्यासा लगता है

ना नाप मेरे प्यार की गहराई ये तो गहरा दारिया है उतरना तो है आसान निकालना उतना ही मुश्किल है।

ना नाप मेरे प्यार की गहराई ये तो गहरा दारिया है उतरना तो है आसान निकालना उतना ही मुश्किल है।

मैं वो दरिया हूँ जिस का इम्कान नहीं है बहने का

मैं वो दरिया हूँ जिस का इम्कान नहीं है बहने का

रात के जिस्म में जब पहला पियाला उतरा दूर दरिया में मेरे चाँद का हाला उतरा

रात के जिस्म में जब पहला पियाला उतरा दूर दरिया में मेरे चाँद का हाला उतरा

तेरी निगाहे थी या कोई गहरा दरिया था  खतरा था हमें भी लेकिन इसमे उतरना भी जरूरी था।

तेरी निगाहे थी या कोई गहरा दरिया था खतरा था हमें भी लेकिन इसमे उतरना भी जरूरी था।

शदीद प्यास थी फिर भी छुआ न पानी को मैं देखता रहा दरिया तिरी रवानी को

शदीद प्यास थी फिर भी छुआ न पानी को मैं देखता रहा दरिया तिरी रवानी को

समंदर में तूफ़ान उठा है  दरिया तेरी खैर नहीं  चिरते हुए जाएंगे आज तुझे भी आज तुझ पर भी कोई रहम नहीं।

समंदर में तूफ़ान उठा है दरिया तेरी खैर नहीं चिरते हुए जाएंगे आज तुझे भी आज तुझ पर भी कोई रहम नहीं।

एक दरिया है यहाँ पर दूर तक फैला हुआ आज अपने बाजुओं को देख पतवारें न देख

एक दरिया है यहाँ पर दूर तक फैला हुआ आज अपने बाजुओं को देख पतवारें न देख

तुम समंदर की बात करते हो यहाँ आँखों से दरिया बहता है

तुम समंदर की बात करते हो यहाँ आँखों से दरिया बहता है