ये इश्क़ नहीं आसाँ इतना ही समझ लीजे इक आग का दरिया है और डूब के जाना है - Dariya Shayari

ये इश्क़ नहीं आसाँ इतना ही समझ लीजे इक आग का दरिया है और डूब के जाना है

Dariya Shayari