ये चंद दिन की दुनिया है- “साहब”, यहाँ पलकों पर बिठाया जाता है, नजरों से गिराने के लिए।
 - Best Shayari

ये चंद दिन की दुनिया है- “साहब”, यहाँ पलकों पर बिठाया जाता है, नजरों से गिराने के लिए।

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