रहने दो अब कि तुम भी मुझे पढ़ न सकोगे, बरसात में कागज़ की तरह भीग गया हूँ। - sad shayari

रहने दो अब कि तुम भी मुझे पढ़ न सकोगे, बरसात में कागज़ की तरह भीग गया हूँ।

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