नाकाम निकली मेरी हर कोशिश उसे मनाने की न जाने कहां से सीखी है जालिम ने अदा रूठ जाने की - sad shayari

नाकाम निकली मेरी हर कोशिश उसे मनाने की न जाने कहां से सीखी है जालिम ने अदा रूठ जाने की

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