आज रास्ते में कुछ प्यार के खत मुझे टुकड़ो में मिले, शायद फिर किसी गरीब के मोहब्बत का तमाशा हो गया।  - dard bhari shayari

आज रास्ते में कुछ प्यार के खत मुझे टुकड़ो में मिले, शायद फिर किसी गरीब के मोहब्बत का तमाशा हो गया।

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