जो नजर से गुजर जाया करते हैं, वो सितारे अक्सर टूट जाया करते हैं, कुछ लोग दर्द को बयां नहीं होने देते, बस चुपचाप बिखर जाया करते हैं।
आईना मेरा मेरे अपनों से बढ़कर निकला, जब भी मैं रोया कमबख्त मेरे साथ ही रोया…
हादसे इंसान के संग मसखरी करने लगे, लफ्ज कागज पर उतर जादूगरी करने लगे, कामयाबी जिसने पाई उनके घर बस गए, जिनके दिल टूटे वो आशिक शायरी करने लगे।
अनजाने में यूँ ही हम दिल गँवा बैठे, इस प्यार में कैसे धोखा खा बैठे, उनसे क्या गिला करें, भूल तो हमारी थी, जो बिना दिल वालों से ही दिल लगा बैठे।
रोने की सज़ा न रुलाने की सज़ा है; ये दर्द मोहब्बत को निभाने की सज़ा है, हँसते हैं तो आँखों से निकल आते हैं आँसू ये उस शख्स से दिल लगाने की सज़ा है।
इस नाजुक दिल से में किसी के लिए, इतनी मोहब्बत आज भी है यारों कि हर रात जब तक, आँखें ना भीग जाये तब नींद नहीं आती…
लबों पे नाम है जिनका उन्हें कुछ भी खबर नहीं, गजल में दर्द है जिनका उन्हें कुछ भी खबर नहीं।
याद आयेगी हर रोज मगर तुझे आवाज न दूँगी लिखूंगी तेरे ही लिए हर गजल मगर तेरा नाम न लूँगी।
तेरी आरज़ू मेरा ख्वाब है, जिसका रास्ता बहुत खराब है, मेरे ज़ख्म का अंदाज़ा न लगा, दिल का हर पन्ना दर्द की किताब है।
रोती हुई आँखों में इंतजार होता है ना चाहते हुए भी, प्यार होता है क्यों देखते हैं हम वो सपने, जिनके टूटने पर भी सच होने का इंतजार होता है…
प्यार हर किसी को जीना सिखा देता है, वफ़ा के नाम पर मरना सिखा देता है, प्यार नही किया तो करके देखो, ये हर दर्द सहना सिखा देता है..
टूट कर बिखरा था मैं, रूठकर चली गयी थी वो, कई सालों का रिश्ता, पलभर में तोड़ गयी थी वो।
भुला चुके है ये रास्ता वो, जहाँ रोज का आना जाना होता था।
इश्क़ का उसूल है दोस्तों टूट जाना पड़ता है, कभी कभी ISHQ में तो जान का जुरमाना पड़ता है।
ऐसा नहीं की जिंदगी में कोई आरजू नहीं है, पर वो ख्वाब पुरा कैसे करुँ जिसमें तू है ही नहीं…
हम आँखों से रोये और होठो से मुस्कुरा बैठे, हम तो बस यूँ ही उनसे इश्क-ए-वफ़ा निभा बैठे, वो हमे अपनी मोहब्बत का एक लम्हा भी न दे सके और हम उन पर यूही हर लम्हा लूट बैठे...
अब क्या करोगे मेरे पास आ कर, खो दिया तुमने मुझे बार बार आजमा कर।