तेरे लिए हर सपने नीलम कर दिया मैंने, तुम्हें खास बनाने के लिए खुद को आम करदिया मैंने, तुम कहती थी की मैं खुश रहना चाहती हूँ, इसलिए मेरे खुशियों को तेरे नाम कर दिया मैंने।
नींद उड़ाकर मेरी वो कहते हैं सो जाओ कल बात करेंगे, अब कोई हमें समझाये कि कल तक हम क्या करेंगे…
आँखों से दूर दिल के करीब था, में उसका और वो मेरा नसीब था, न कभी मिला न जुदा हुआ, रिश्ता हम दोनों का कितना अजीब था।
उन्हें डर है दिल टूटने का, शायद उनको वफादार अपना दिल नहीं लगता और हम इतना टूटे हैं की अब हमे टूटने से Dar नहीं लगता।
सुनो… मुझे पढ़कर भी तुम जो जवाब नहीं देते हो ना, याद करोगे जब हम तेरे लिए लिखना छोड़ देंगे…
जो पल बीत गये वो बापस आ नही सकते सूखे फूलो को बापस खिला नही सकते कभी ऐसा लगता है वो हमे भूल गये होंगे पर ये दिल कहता है वो हमे कभी भुला नही सकते
अभी उसका Time है मुझे और आजमाने दो, वो रो रो कर पुकारेगा मुझे जरा मेरा Time तो आने दो।
ना रख किसी से मोहब्बत की उम्मीद ऐ दोस्त, कसम से लोग खुबसूरत बहुत हैं पर वफादार नहीं…
हम दुआएं करेंगे उनपर एतवार रखना, न कोई हमसे कभी सवाल रखना, अगर दिल में चाहत हो हमे खुश देखने की, बस हमेशा मुश्कुराना और अपना ख्याल रखना
मैं रोज बैठ रातों में नई एक कहानी लिखता जाता हूँ, बहुत दिन हुए तुझे गए पर आज भी तेरे नाम से जाना जाता हूँ।
नींद भी नीलाम हो जाती है दिल की महफिल में, किसी को भुलाकर सोना इतना आसान नहीं होता…
जरूरी नही जीने के लिए सहारा हों जरूरी नही जिसे हम अपना माने वो हमारा हो, कई कस्तियां बीच भबर में डूब जाया करती, जरूरी नही हर कस्ती को किनारा हो।
बहुत अकेला कर दिया, अपनों ने मुझे, समझ नहीं आता, किस्मत बुरी है या हम।
हर बात में आँसू बहाया नही करते, हर बात दिल की हर किसी से कहा नही करते, ये नमक का शहर है, इसलिए ज़ख्म यहाँ हर किसी को दिखाया नहीं करते..
अब जो मेरे न हो सको, तो कुछ ऐसा कर देना, मैं जैसा पहले था, मुझे फिर से वैसा कर देना।
ना मेरा दिल बुरा था ना उसमें कोई बुराई थी, सब नसीब का खेल है बस किस्मत में जुदाई थी।
जख्म खरीद लाया हूँ इश्क के बाजार से, दिल जिद कर रहा था मुझे मोहब्बत चाहिए…
रिश्ता तोडना तो नहीं चाहिए, लेकिन जहा कदर ना हो, वहां रिश्ता निभाया, भी नहीं जा सकता।