सिर्फ इशारों में होती महोब्बत अगर, इन अलफाजों को खुबसूरती कौन देता? बस पत्थर बन के रह जाता “ताज महल”अगर इश्क इसे अपनी पहचान ना देता..
पत्थर के दिल में भी जगह बना ही लेता है, ये प्यार है अपनी मंजिल को पा ही लेता है।
इनकार करते करते इकरार कर बैठे, हम तो एक बेवफा से प्यार कर बैठे।
सुनते नहीं क्यु दिल की पुकारे, बेताब कर गए हे आपके नज़ारे, चलो बेगाना करके इस जहाँ को, बन जाओ ना तुम हमदम हमारे।
तेरे ख्याल से ही एक रौनक आ जाती है दिल में, तुम रूबरू आओगे तो जाने क्या आलम होगा।
वो वक्त वो लम्हे अजीब होंगे, दुनियाँ में हम खुश नशीब होंगे, दूर से जब इतना याद करते हैं आपको, क्या हाल होगा जब आप हमारे करीब होगे।
कौन कहता है, कि मोहब्बत बर्बाद कर देती है अरे यारों… कोई निभाने वाला हो, तो दुनिया याद करती है।
दिन तेरे ख़याल में गुजर जाता हैं, रातों को भी ख़याल तेरा ही आता हैं, कभी ये ख़याल इस तरह बढ़ जाता है की, आयने में भी तेरा ही चेहरा नज़र आता हैं.
हमारी ज़िंदगी तो कब की बिखर गयी, हसरते सारी दिल में ही मर गयी, चल पड़ी वो जब से बैठ के डोली में, हमारी तो जीने की तमन्ना ही मर गयी।
खुबसूरत इन्सान से मोहब्बत नही होती, बल्कि जिस इन्सान से मोहब्बत होती है वो खुबसूरत लगने लगता है।
तुम्हें पाए बिना ही, तुम्हें खोने से डरता हूं।
दिल चाहता था, उसे नजरअंदाज करना, मगर आंखें थी कि, उस पर से हटी ही नहीं।
जो उनकी आँखों से बयाँ होते है वो लफ्ज़ किताबो में कहाँ होते है!
बहुत छोटी List है, मेरी ख्वाइशों की, पहली भी तुम और आखरी भी तुम।
उसकी बेवफाई पे भी फ़िदा होती है जान अपनी, अगर उस में वफ़ा होती तो क्या होता खुदा जाने।
जाम पीकर भी ना खोते थे होश कभी, आज बिन पिए भी हम लड़खड़ाने लगे हैं, पहले कहती थी ये दुनिया हमको बेवफा, आज वो भी इल्जाम बेवफाई का लगाने लगे हैं…
गहराई प्यार में हो तो बेवफाई नहीं होती, सच्चे प्यार में कहीं तन्हाई नहीं होती, मगर प्यार ज़रा संभल कर करना मेरे दोस्त, प्यार के ज़ख्म की कोई दवा नहीं होती।
किसी का रूठ जाना और अचानक बेवफा होना, मोहब्बत में यही लम्हा क़यामत की निशानी है।