दोस्तों से बिछड़ के यह एहसास हुआ ग़ालिब, थे तो कमीने लेकिन रौनक भी उन्हीं से थी। - friendship shayari

दोस्तों से बिछड़ के यह एहसास हुआ ग़ालिब, थे तो कमीने लेकिन रौनक भी उन्हीं से थी।

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