सो रही है दुनिया, बस एक सपनों का तलबगार जाग रहा है, दिन भी छोटे और रातें भी छोटी लगती हैं, समय जैसे जिंदगी से भी तेज भाग रहा है। - Waqt Shayari

सो रही है दुनिया, बस एक सपनों का तलबगार जाग रहा है, दिन भी छोटे और रातें भी छोटी लगती हैं, समय जैसे जिंदगी से भी तेज भाग रहा है।

Waqt Shayari