मैं अगर भूल जाऊँ साई तुझे साथ लेने को पर तू कभी मत भूलना मेरे साथ चलने को...
करता हूँ फ़रियाद “साईं” बस इतनी रहमत कर देना, जो भी पुकारे तुझको बाबा, खुशियों से उसकी झोली भर देना !
मेरे “साँई” का दरबार सबसे न्यारा हैं, उसमें “बाबा” का दर्शन कितना प्यारा हैं, सब कहते हैं के “बाबा” सिर्फ़ हमारा हैं, पर “बाबा” कहते हैं के मैंने अपना, सब कुछ तुम सब पर वारा हैं।
सब्र और सबूरी मन मे बिठाकर चले तो मुसीबत के दिन गुजर जाएंगे आज तो हमें देखकर जो हँसते हैं कल हमें देखते रह जाएंगे!
आशा हैं साईं के भजनों में रम जाएँ, साईं तेरी भक्ति में ऐसे लीन हों, की जानवर से इंसान हो जाएँ !
साई कहते हैं, पल में अमीर हैं, पल में फ़क़ीर हैं, अच्छे करम कर ले बन्दे, ये तो बस तक़दीर हैं।
ले सुबह शाम साई का नाम, बन जायेगे बिगड़े सारे काम तू चल वक़्त के साथ मैं चलूंगा तेरे साथ!
साईं के चरणों में जो मिल जाती मुझको भी शरण, सफल हो जाते मेरे अगले पिछले सभी जनम !
तक़दीर के मारों को बिखरने नहीं देते, जिसको बनाते है बाबा बिगड़ने नहीं देते।
सबसे प्यारा हैं साई तेरा ये मुखड़ा, दर्शन से मिटता हैं दिल का हर दुखड़ा दर्शन नित पाएं ऐसा भाग्य हमें देना, सेवा की अपनी बाबा सौभाग्य हमें देना।.
सुख-दुःख, लाभ-हानि सब साई के हाथ में है कर्म अच्छे होंगे हमारे तो साई भी हमारे साथ में है
साई आपके दया से ही है जीवन सफ़ल, बस साथ देना इस जिंदगी में हर पल!
साई तेरी थोड़ी सी दृष्टि जो मुझ पर हो जाएँ, मेरे कर्म सफल हो जाएँ मेरा जीवन संवर जाएँ !
साई नहीं कहते मुझे चांदी या सोने के सिंघासन पर बिठाओ, वो तो कहते हैं मन में श्रद्धा सबुरी रखो फिर अपने साईं को बुलाओ।
साईं तेरे चरणों मे अर्पण मेरा हर कर्म तू ही है मेरा सच्चा धर्म!
सबके हाथों में अमीरी-गरीबी की लकीर हैं, साईं के द्वार आने वाला सबसे बड़ा अमीर हैं !
गुड़ से मीठा नाम साई का है सबसे पावन धाम शिरडी साई का है तुझको जिसने संभाला वो हाथ साई का है!
साईं से मुझे बड़ा ही प्यार हैं, इसलिए मेरे जीवन में बहार ही बहार हैं!