उस की इजाज़त के बिना पत्ता भी नहीं हिलता, और ये बात इंसान समझ कर भी नहीं समझता !
साई की कृपा से काँटो में फूल बनकर खिले जा रहा हूँ तेरी दी हुई ज़िंदगी भी तेरी है तू चलाये जा रहा है, मैं चला जा रहा हूँ।
जो खोया है उससे भी बेहतरीन पाएंगे, सब्र रख ऐ साईं भक्त तेरे भी दिन आएंगे!
आज गुरुवार है, साई तेरा वार है, तेरा भजन और पूजा से सब संकट कष्ट दूर हो जाते हैं।
अगर ना करता साईं की भक्ति, तो कैसे समझता हृदय में छिपी शक्ति!
जीवन में अब हर पल अलग ही सुकून हैं, साईं तू हैं, तभी तो जीने का जुनून हैं!
साईं के चरणों में जिनकों मिल जाती हैं शरण, कट जाते हैं पाप और सफल हो जाती है जन्म!
जिस पे भी हाथ रख दे मेरा साईं फकीरा, वो पत्थर भी बन जाये पल में नायाब हीरा!
ना हिन्दू आता है, ना मुसलमान आता हैं, मेरे साईं के दर पर सिर्फ इंसान आता हैं!
हमारी ताकत का अंदाजा हमारे जोर से नही, माता के जय कारे के शोर से पता चलता हैं!
मर्यादा पाँव में कब तक जंजीर डालेगी, माथे पर माँ के नाम का तिलक लगाकर चला करो, यही पहचान दुश्मन का कलेजा चीर डालेगी।
माँ इस दुनिया के कण-कण में है माँ सबके कर्मों का फल देती हैं!
बेशक पहन लो हमारे जैसे कपड़ें और ज़ेवर, पर कहा से लाओगे माता रानी के भक्तों वाले तेवर !
मां कि ज्योति से प्रेम मिलता है सबके दिलों को मरहम मिलता है जो भी जाता है मां के द्वार कुछ ना कुछ जरूर मिलता है ।
हे माँ तुमसे विश्वास ना उठने देना, तेरी दुनिया में भय से जब सिमट जाऊं, चारो ओर अँधेरा ही अँधेरा घना पाऊं, बन के रोशनी तुम राह दिखा देना!
मेरी माता रानी सबकी इच्छा पूरी करती है उनके दरबार से कोई भी खली हाथ वापस नहीं अत है थोड़ी सी परीक्षा भी लेती हैं पर दिल से की गयी दुआ बहुत जल्दी सुनती हैं जय माता दी।
माँ भक्तों के हृदय को जान लेती हैं, भक्तों के मन को पहचान लेती हैं!