ना हिन्दू आता है, ना मुसलमान आता हैं, मेरे साईं के दर पर सिर्फ इंसान आता हैं!
हमारी ताकत का अंदाजा हमारे जोर से नही, माता के जय कारे के शोर से पता चलता हैं!
मर्यादा पाँव में कब तक जंजीर डालेगी, माथे पर माँ के नाम का तिलक लगाकर चला करो, यही पहचान दुश्मन का कलेजा चीर डालेगी।
माँ इस दुनिया के कण-कण में है माँ सबके कर्मों का फल देती हैं!
बेशक पहन लो हमारे जैसे कपड़ें और ज़ेवर, पर कहा से लाओगे माता रानी के भक्तों वाले तेवर !
मां कि ज्योति से प्रेम मिलता है सबके दिलों को मरहम मिलता है जो भी जाता है मां के द्वार कुछ ना कुछ जरूर मिलता है ।
हे माँ तुमसे विश्वास ना उठने देना, तेरी दुनिया में भय से जब सिमट जाऊं, चारो ओर अँधेरा ही अँधेरा घना पाऊं, बन के रोशनी तुम राह दिखा देना!
मेरी माता रानी सबकी इच्छा पूरी करती है उनके दरबार से कोई भी खली हाथ वापस नहीं अत है थोड़ी सी परीक्षा भी लेती हैं पर दिल से की गयी दुआ बहुत जल्दी सुनती हैं जय माता दी।
माँ भक्तों के हृदय को जान लेती हैं, भक्तों के मन को पहचान लेती हैं!
नव दीप जलें, नव फूल खिलें,रोज़ माँ का आशिर्वाद मिले कभी ना हो दुखों का सामना,पग पग माँ दुर्गा का आशिर्वाद मिले. जय माता दी.
माता के द्वार जो आते हैं, बिना माँगे सारी खुशियाँ पाते हैं!
मेरी माँ को पता हैं की मेरे दिल में कौन हैं, बसता क्यूंकि उसकी रहमत के बिना रहता हैं जन जन तरसता!
माँ दुर्गा के चरणों में जब शीश झुकाते हैं, सारी मुसीबतों से लड़ने की ताकत पाते हैं!
माँ तेरी चौखट पर शीश हम झुकाते हैं, तेरी रहमत ही हैं, की हम मुस्कुराते हैं!
सारे मुसीबतों से लड़ जाता हूँ, जब कोई विकट दुःख आता है!
ज़िन्दगी का क्या हैं, हँसते खेलते गुजर जायेगी, जयकारा लगाते रहो, माँ ने चाहा तो मोक्ष यह रूह पा जाएगी !
माँ दुर्गा के दर पर आया है जो, कोई न कोई वर पाया है वो!
जननी हैं वो, तो वो ही हैं माँ काली, दर पे उसके ना रहता, किसी का दामन खाली!