हे माँ तुमसे विश्वास ना उठने देना, तेरी दुनिया में भय से जब सिमट जाऊं, चारो ओर अँधेरा ही अँधेरा घना पाऊं, बन के रोशनी तुम राह दिखा देना!
मेरी माता रानी सबकी इच्छा पूरी करती है उनके दरबार से कोई भी खली हाथ वापस नहीं अत है थोड़ी सी परीक्षा भी लेती हैं पर दिल से की गयी दुआ बहुत जल्दी सुनती हैं जय माता दी।
माँ भक्तों के हृदय को जान लेती हैं, भक्तों के मन को पहचान लेती हैं!
बिन बुलाए भी जहां जाने को जी चाहता हैं, वो चौखट ही हैं तेरी माँ, जहां यह बंदा सुकून पाता हैं!
नव दीप जलें, नव फूल खिलें,रोज़ माँ का आशिर्वाद मिले कभी ना हो दुखों का सामना,पग पग माँ दुर्गा का आशिर्वाद मिले. जय माता दी.
माता के द्वार जो आते हैं, बिना माँगे सारी खुशियाँ पाते हैं!
मेरी माँ को पता हैं की मेरे दिल में कौन हैं, बसता क्यूंकि उसकी रहमत के बिना रहता हैं जन जन तरसता!
माँ दुर्गा के चरणों में जब शीश झुकाते हैं, सारी मुसीबतों से लड़ने की ताकत पाते हैं!
माँ तेरी चौखट पर शीश हम झुकाते हैं, तेरी रहमत ही हैं, की हम मुस्कुराते हैं!
ज़िन्दगी का क्या हैं, हँसते खेलते गुजर जायेगी, जयकारा लगाते रहो, माँ ने चाहा तो मोक्ष यह रूह पा जाएगी !
माँ दुर्गा के दर पर आया है जो, कोई न कोई वर पाया है वो!
जननी हैं वो, तो वो ही हैं माँ काली, दर पे उसके ना रहता, किसी का दामन खाली!
सारे जग में कोई नहीं माँ से बड़ा कृपालु सारे दुःख और कष्ट को हरने आई है मेरी माँ!
चलो शरण में जगदम्बे की चलते हैं, पनाह देगी वो उनको भी, जो पाप की तपन से जलते हैं!
जीवन को दोराहों से निकालने वाली, सबकी बिगड़ी बनाने वाली जय मां शेरावाली!
देखों, सिंह पर सवार होकर आई है मेरी माँ, मन के सारे मुराद पूरी करने आई है मेरी माँ...
लोगों ने कुछ दिया तो सुनाया भी बहुत हैं, हे माँ दुर्गे, एक तेरा ही दर हैं जहाँ मुझे कभी ताना नहीं मिला!
माला से मोती तुम तोड़ा ना करो, धर्म से मुँह तुम मोड़ा ना करो, बहुत कीमती हैं जय माता का नाम, माता रानी की जय बोलना कभी छोड़ा ना करो।