न झुकने दिया तिरंगे को,न युद्ध कभी ये हारे हैं, भारत माता तेरे वीरों ने, दुश्मन चुन चुन कर मारे हैं!
जिसका ताज हिमालय है, जहां बहती है गंगा, जहां अनेकता में एकता है, सत्यमेव जयते जहाँ नारा है, वह भारत देश हमारा है।
तिरंगा लहरायेंगें, भक्ति गीत गुनगूनायेंगें, वादा करो इस देश को, दुनिया का सबसे प्यारा देश बनायेंगें।
चलो फिर से वो नज़ारा याद कर लें, शहीदो के दिल में थी जो ज्वाला वो याद कर लें, जिसमें बहकर आज़ादी पहुंची थी किनारे पर, बलिदानियों के खून की वो धारा याद कर लें।
मुकम्मल है इबादत और मैं वतन ईमान रखता हूं, वतन के शान की खातिर हथेली पे जान रखता हूं, क्यों पढ़ते हो मेरी आंखों में नक्शा किसी और का, देशभक्त हूं, दिल में हिंदुस्तान रखता हूँ
जब आँख खुले तो धरती हिन्दुस्तान की हो, जब आँख बंद हो तो यादेँ हिन्दुस्तान की हो, हम मर भी जाए तो कोई गम नही लेकिन, मरते वक्त मिट्टी हिन्दुस्तान की हो।
मिलते नहीं जो हक वो लिए जाते हैं; आजाद हम पर गुलाम किये जाते हैं; उन सिपाहियों को शत-शत नमन करो; मौत के साए में जो जिए जाते हैं।
ये बात हवाओं को बताए रखना, रोशनी होगी चिरागों को जलाए रखना, लहू देकर जिसकी हिफाज़त हमने की, ऐसे तिरंगे को सदा दिल में बसाए रखना।
भारत मां तेरी गाथा, सबसे ऊंची तेरी शान, तेरे आगे शीश झुकायें, दें तुझको हम सब सम्मान..
गंगा, यमुना, यहां नर्मदा मंदिर, मस्जिद के संग गिरजा, शांति प्रेम की देता शिक्षा, मेरा भारत सदा सर्वदा।
कांटों में भी फूल खिलाएं, इस धरती को स्वर्ग बनाएं, आओ, सब को गले लगाएं, हम स्वतंत्रता का पर्व मनाएं।
आओ झुक कर करें सलाम उन्हें जिनके हिस्से में ये मुकाम आता है कितने खुशनसीब हैं वो लोग जिनका खून वतन के काम आता हैं!
ना पूछो ज़माने से, क्या हमारी कहानी है, हमारी पहचान तो बस इतनी है कि हम हिंदुस्तानी हैं।
दे सलामी इस तिरंगे को जिस से तेरी शान हैं, सिर हमेशा ऊंचा रखना इसका जब तक दिल में जान हैं..
मरने के बाद भी जिसके नाम मे जान हैं, ऐसे जाबाज़ सैनिक हमारे भारत की शान है।
लिपट कर बदन कई तिरंगे में आज भी आते हैं, यूँ ही नहीं दोस्तों हम ये पर्व मनाते हैं।
वतन की मोहब्बत में, खुद को तपाये बैठे हैं, मरेंगे वतन के लिए, शर्त मौत से लगाये बैठे हैं।