अगर हम ईमानदारी के रास्ते पर चलते है, तो अंतः जीत हमारी ही होगी!

अगर हम ईमानदारी के रास्ते पर चलते है, तो अंतः जीत हमारी ही होगी!

Arvind Kejriwal

आम आदमी कौन है? ‘आप’ मानती है कि माध्यम वर्ग आम आदमी का हिस्सा है, जो कोई भी इस भ्रष्ट तंत्र से थक चुका है वो आम आदमी है!

आम आदमी कौन है? ‘आप’ मानती है कि माध्यम वर्ग आम आदमी का हिस्सा है, जो कोई भी इस भ्रष्ट तंत्र से थक चुका है वो आम आदमी है!

दिल्ली का आम आदमी देश को ये बताने में आगे आया है कि देश की राजनीति किस दिशा में जानी चाहिए!

दिल्ली का आम आदमी देश को ये बताने में आगे आया है कि देश की राजनीति किस दिशा में जानी चाहिए!

मैं पहले भगवान को नहीं मानता था लेकिन अब मानता हूँ . मैं यकीन रखता हूँ कि सच कभी हार नहीं सकता … यह एक असम्भव लड़ाई थी , किसने सोचा था कि 1 साल पुरानी पार्टी 28 सीट जीत जायेगी !

मैं पहले भगवान को नहीं मानता था लेकिन अब मानता हूँ . मैं यकीन रखता हूँ कि सच कभी हार नहीं सकता … यह एक असम्भव लड़ाई थी , किसने सोचा था कि 1 साल पुरानी पार्टी 28 सीट जीत जायेगी !

यौन उत्पीड़न के किसी भी मामले में , दोषियों को तीन से चार पांच छह महीने के अंदर सबसे कड़ी सजा मिलनी चाहिए!

यौन उत्पीड़न के किसी भी मामले में , दोषियों को तीन से चार पांच छह महीने के अंदर सबसे कड़ी सजा मिलनी चाहिए!

ये केजरीवाल नहीं है जिसने आज शपथ ली है बल्कि ये आम आदमी है, ये आम आदमी की जीत है!

ये केजरीवाल नहीं है जिसने आज शपथ ली है बल्कि ये आम आदमी है, ये आम आदमी की जीत है!

सच्चाई का रास्ता आसान नहीं बल्कि काँटों भरा है और हम आने वाली सभी मुश्किलों का सामना करेंगे!

सच्चाई का रास्ता आसान नहीं बल्कि काँटों भरा है और हम आने वाली सभी मुश्किलों का सामना करेंगे!

हम यहाँ सत्ता हथियाने नहीं आये हैं बल्कि शाशन को वापस जनता के हाथों में देने आये हैं . अब , दिल्ली के 1.5 करोड़ लोग सरकार चलाएंगे!

हम यहाँ सत्ता हथियाने नहीं आये हैं बल्कि शाशन को वापस जनता के हाथों में देने आये हैं . अब , दिल्ली के 1.5 करोड़ लोग सरकार चलाएंगे!

मैं अन्ना से कहा करता था कि अगर हमें सिस्टम को साफ़ करना है तो हमें राजनीति के दल-दल में उतरना पड़ेगा!

मैं अन्ना से कहा करता था कि अगर हमें सिस्टम को साफ़ करना है तो हमें राजनीति के दल-दल में उतरना पड़ेगा!

अबतक, ईमानदारों को दरकिनार कर दिया जाता था और भ्रष्टाचारियों को इनाम मिलता था, लेकिनअब ये बदलेगा, ईमादारी पुरस्कृत की जायेगी और भ्रष्ट को सजा मिलेगी!

अबतक, ईमानदारों को दरकिनार कर दिया जाता था और भ्रष्टाचारियों को इनाम मिलता था, लेकिनअब ये बदलेगा, ईमादारी पुरस्कृत की जायेगी और भ्रष्ट को सजा मिलेगी!

अगर हम साथ आ जाएं तो कुछ भी असम्भव नहीं है!

अगर हम साथ आ जाएं तो कुछ भी असम्भव नहीं है!

हम यहाँ वोट बैंक या पॉवर पॉलिटिक्स के लिए नहीं हैं, हम यहाँ देश की राजनीति बदलने के लिए हैं !

हम यहाँ वोट बैंक या पॉवर पॉलिटिक्स के लिए नहीं हैं, हम यहाँ देश की राजनीति बदलने के लिए हैं !

हम बड़ी पार्टीयों का गुरूर तोड़ने के लिए पैदा हुए थे, हमें सावधान रहना होगा कि हमे गिराने के लिए किसी और पार्टी को जन्म ना लेना पड़े !

हम बड़ी पार्टीयों का गुरूर तोड़ने के लिए पैदा हुए थे, हमें सावधान रहना होगा कि हमे गिराने के लिए किसी और पार्टी को जन्म ना लेना पड़े !

सच्चाई का रास्ता आसान नहीं बल्कि काँटों से भरा है और हम आने वाली सभी मुश्किलों का सामना करना है!

सच्चाई का रास्ता आसान नहीं बल्कि काँटों से भरा है और हम आने वाली सभी मुश्किलों का सामना करना है!

आपके लक्ष्य की पूर्ती स्वर्ग से आये किसी जादू से नहीं हो सकेगी!  आपको ही अपना लक्ष्य प्राप्त करना है ! कार्य करने और कठोर श्रम करने के दिन यही हैं।

आपके लक्ष्य की पूर्ती स्वर्ग से आये किसी जादू से नहीं हो सकेगी! आपको ही अपना लक्ष्य प्राप्त करना है ! कार्य करने और कठोर श्रम करने के दिन यही हैं।

अपने हितों की रक्षा के लिए यदि हम स्वयं जागरूक नहीं होंगे तो दूसरा कोन होगा? हमे इस समय सोना नहीं चाहिये , हमे अपने लक्ष्य की पूर्ति के लिए प्रयत्न करना चाहिये!

अपने हितों की रक्षा के लिए यदि हम स्वयं जागरूक नहीं होंगे तो दूसरा कोन होगा? हमे इस समय सोना नहीं चाहिये , हमे अपने लक्ष्य की पूर्ति के लिए प्रयत्न करना चाहिये!

मानव प्रकृति ही ऐसी है की हम बिना उत्सवों के नहीं रह सकते! उत्सव प्रिय होना मानव स्वाभाव है ! हमारे त्यौहार होने ही चाहियें।

मानव प्रकृति ही ऐसी है की हम बिना उत्सवों के नहीं रह सकते! उत्सव प्रिय होना मानव स्वाभाव है ! हमारे त्यौहार होने ही चाहियें।

भारत की गरीबी पूरी तरह से वर्तमान शासन की वजह से है!

भारत की गरीबी पूरी तरह से वर्तमान शासन की वजह से है!

हो सकता है ये भगवान की मर्जी हो कि मैं जिस वजह का प्रतिनिधित्व करता हूँ उसे मेरे आजाद रहने से ज्यादा मेरे पीड़ा में होने से अधिक लाभ मिले!

हो सकता है ये भगवान की मर्जी हो कि मैं जिस वजह का प्रतिनिधित्व करता हूँ उसे मेरे आजाद रहने से ज्यादा मेरे पीड़ा में होने से अधिक लाभ मिले!