मन का धर्म है मनन करना, मनन में ही उसे आनंद है, मनन में बाधा प्राप्त होने से उसे पीड़ा होती है ! - Rabindranath Tagore Quotes

मन का धर्म है मनन करना, मनन में ही उसे आनंद है, मनन में बाधा प्राप्त होने से उसे पीड़ा होती है !

Rabindranath Tagore