जीवन में जितना दुःख भोगना लिखा है उसे तो भोगना ही पड़ेगा तो फिर व्यर्थ में चिंता क्यू करना ?

जीवन में जितना दुःख भोगना लिखा है उसे तो भोगना ही पड़ेगा तो फिर व्यर्थ में चिंता क्यू करना ?

Sardar Vallabhbhai Patel

साहस वह है जो खड़े होकर बोलता है और साहस वो भी है जो बैठकर सुनता है।

साहस वह है जो खड़े होकर बोलता है और साहस वो भी है जो बैठकर सुनता है।

आप चाहें जिस बिज़नेस में हों, एक महान लक्ष्य ही एक कंपनी को सफल बनता है।

आप चाहें जिस बिज़नेस में हों, एक महान लक्ष्य ही एक कंपनी को सफल बनता है।

किस्मत का मतलब है ‘जब तैयारी की मुलाकात अवसर से होती है।

किस्मत का मतलब है ‘जब तैयारी की मुलाकात अवसर से होती है।

भौतिक चीजें आनंदमय हैं, लेकिन वे महत्वपूर्ण नहीं हैं।

भौतिक चीजें आनंदमय हैं, लेकिन वे महत्वपूर्ण नहीं हैं।

आप नियम का पालन करते हुए चलना नहीं सीख सकते बल्कि आप चलते और गिरते हुए चलना सीखते हैं।

आप नियम का पालन करते हुए चलना नहीं सीख सकते बल्कि आप चलते और गिरते हुए चलना सीखते हैं।

 प्रतिनिधि की नियुक्ति एक कला है जिसमे हर  उद्यमी को मास्टर होना चाहियें।

प्रतिनिधि की नियुक्ति एक कला है जिसमे हर उद्यमी को मास्टर होना चाहियें।

एक अच्छा नेता कभी भी डेस्क के पीछे नहीं छिपता।

एक अच्छा नेता कभी भी डेस्क के पीछे नहीं छिपता।

सम्मान का अर्थ है की आप दूसरे लोगों के साथ कैसा व्यव्हार करते हो। न कि केवल उन लोगों को प्रभावित करना चाहते हो।

सम्मान का अर्थ है की आप दूसरे लोगों के साथ कैसा व्यव्हार करते हो। न कि केवल उन लोगों को प्रभावित करना चाहते हो।

 एक व्यवसाय का मतलब केवल दूसरे लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए एक विचार है।

एक व्यवसाय का मतलब केवल दूसरे लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए एक विचार है।

सत्य के मार्ग पर चलने हेतु बुरे का त्याग अवश्यक है, चरित्र का सुधार आवश्यक है।

सत्य के मार्ग पर चलने हेतु बुरे का त्याग अवश्यक है, चरित्र का सुधार आवश्यक है।

सेवा करने वाले मनुष्य को विन्रमता सीखनी चाहिए, वर्दी पहन कर अभिमान नहीं, विनम्रता आनी चाहिए।

सेवा करने वाले मनुष्य को विन्रमता सीखनी चाहिए, वर्दी पहन कर अभिमान नहीं, विनम्रता आनी चाहिए।

 प्रजा का विश्वास, राज्य की निर्भयता की निशानी है।

प्रजा का विश्वास, राज्य की निर्भयता की निशानी है।

मान-सम्मान किसी के देने से नहीं मिलते, अपनी योग्यतानुसार मिलते हैं।

मान-सम्मान किसी के देने से नहीं मिलते, अपनी योग्यतानुसार मिलते हैं।

बोलने में मर्यादा मत छोड़ना, गालियाँ देना तो कायरों का काम है।

बोलने में मर्यादा मत छोड़ना, गालियाँ देना तो कायरों का काम है।

ज्यादा बोलने से कोई फायदा नही होता है बल्कि सबकी नजरो में अपना नुकसान ही होता है।

ज्यादा बोलने से कोई फायदा नही होता है बल्कि सबकी नजरो में अपना नुकसान ही होता है।

त्याग के मूल्य का तभी पता चलता है, जब अपनी कोई मूल्यवान वस्तु छोडनी पडती है। जिसने कभी त्याग नहीं किया, वह इसका मूल्य क्या जाने।

त्याग के मूल्य का तभी पता चलता है, जब अपनी कोई मूल्यवान वस्तु छोडनी पडती है। जिसने कभी त्याग नहीं किया, वह इसका मूल्य क्या जाने।

हमारे देश में अनेक धर्म, अनेक भाषाए भी है लेकिन हमारी संस्कृति एक ही है।

हमारे देश में अनेक धर्म, अनेक भाषाए भी है लेकिन हमारी संस्कृति एक ही है।

 जो तलवार चलाना जानते हुए भी अपनी तलवार को म्यान में रखता है उसी को सच्ची अहिंसा कहते है।

जो तलवार चलाना जानते हुए भी अपनी तलवार को म्यान में रखता है उसी को सच्ची अहिंसा कहते है।