ज्यादा बोलने से कोई फायदा नही होता है बल्कि सबकी नजरो में अपना नुकसान ही होता है।

ज्यादा बोलने से कोई फायदा नही होता है बल्कि सबकी नजरो में अपना नुकसान ही होता है।

Sardar Vallabhbhai Patel

एक अच्छा नेता कभी भी डेस्क के पीछे नहीं छिपता।

एक अच्छा नेता कभी भी डेस्क के पीछे नहीं छिपता।

सम्मान का अर्थ है की आप दूसरे लोगों के साथ कैसा व्यव्हार करते हो। न कि केवल उन लोगों को प्रभावित करना चाहते हो।

सम्मान का अर्थ है की आप दूसरे लोगों के साथ कैसा व्यव्हार करते हो। न कि केवल उन लोगों को प्रभावित करना चाहते हो।

 एक व्यवसाय का मतलब केवल दूसरे लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए एक विचार है।

एक व्यवसाय का मतलब केवल दूसरे लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए एक विचार है।

जीवन में जितना दुःख भोगना लिखा है उसे तो भोगना ही पड़ेगा तो फिर व्यर्थ में चिंता क्यू करना ?

जीवन में जितना दुःख भोगना लिखा है उसे तो भोगना ही पड़ेगा तो फिर व्यर्थ में चिंता क्यू करना ?

सत्य के मार्ग पर चलने हेतु बुरे का त्याग अवश्यक है, चरित्र का सुधार आवश्यक है।

सत्य के मार्ग पर चलने हेतु बुरे का त्याग अवश्यक है, चरित्र का सुधार आवश्यक है।

सेवा करने वाले मनुष्य को विन्रमता सीखनी चाहिए, वर्दी पहन कर अभिमान नहीं, विनम्रता आनी चाहिए।

सेवा करने वाले मनुष्य को विन्रमता सीखनी चाहिए, वर्दी पहन कर अभिमान नहीं, विनम्रता आनी चाहिए।

 प्रजा का विश्वास, राज्य की निर्भयता की निशानी है।

प्रजा का विश्वास, राज्य की निर्भयता की निशानी है।

मान-सम्मान किसी के देने से नहीं मिलते, अपनी योग्यतानुसार मिलते हैं।

मान-सम्मान किसी के देने से नहीं मिलते, अपनी योग्यतानुसार मिलते हैं।

बोलने में मर्यादा मत छोड़ना, गालियाँ देना तो कायरों का काम है।

बोलने में मर्यादा मत छोड़ना, गालियाँ देना तो कायरों का काम है।

त्याग के मूल्य का तभी पता चलता है, जब अपनी कोई मूल्यवान वस्तु छोडनी पडती है। जिसने कभी त्याग नहीं किया, वह इसका मूल्य क्या जाने।

त्याग के मूल्य का तभी पता चलता है, जब अपनी कोई मूल्यवान वस्तु छोडनी पडती है। जिसने कभी त्याग नहीं किया, वह इसका मूल्य क्या जाने।

हमारे देश में अनेक धर्म, अनेक भाषाए भी है लेकिन हमारी संस्कृति एक ही है।

हमारे देश में अनेक धर्म, अनेक भाषाए भी है लेकिन हमारी संस्कृति एक ही है।

 जो तलवार चलाना जानते हुए भी अपनी तलवार को म्यान में रखता है उसी को सच्ची अहिंसा कहते है।

जो तलवार चलाना जानते हुए भी अपनी तलवार को म्यान में रखता है उसी को सच्ची अहिंसा कहते है।

 गरीबों की सेवा ही ईश्वर की सेवा है।

गरीबों की सेवा ही ईश्वर की सेवा है।

जब तक हमारा अंतिम ध्येय प्राप्त ना हो जाए तब तक उत्तरोत्तर अधिक कष्ट सहन करने की शक्ति हमारे अन्दर आये, यही सच्ची विजय है।

जब तक हमारा अंतिम ध्येय प्राप्त ना हो जाए तब तक उत्तरोत्तर अधिक कष्ट सहन करने की शक्ति हमारे अन्दर आये, यही सच्ची विजय है।

 कर्तव्यनिष्ठ पुरूष कभी निराश नहीं होता। अतः जब तक जीवित रहें और कर्तव्य करते रहें, तो इसमें पूरा आनन्द मिलेगा।

कर्तव्यनिष्ठ पुरूष कभी निराश नहीं होता। अतः जब तक जीवित रहें और कर्तव्य करते रहें, तो इसमें पूरा आनन्द मिलेगा।

उतावले उत्साह से बड़ा परिणाम निकलने की आशा नहीं रखनी चाहिये।

उतावले उत्साह से बड़ा परिणाम निकलने की आशा नहीं रखनी चाहिये।

एकता के बिना जनशक्ति, शक्ति नहीं है। जब तक उसे ठीक तरह से सामंजस्य में ना लाया जाए और एकजुट ना किया जाए।

एकता के बिना जनशक्ति, शक्ति नहीं है। जब तक उसे ठीक तरह से सामंजस्य में ना लाया जाए और एकजुट ना किया जाए।

 अविश्वास भय का प्रमुख कारण होता है।

अविश्वास भय का प्रमुख कारण होता है।