मैं लोगो को के पैरो में गिरता हु जो लोग सच्चाई पर विश्वास रखते है।

मैं लोगो को के पैरो में गिरता हु जो लोग सच्चाई पर विश्वास रखते है।

Guru Gobind Singh

 हमेशा आप अपनी कमाई का दसवां भाग दान में दे दें।

हमेशा आप अपनी कमाई का दसवां भाग दान में दे दें।

इन्सान का स्वार्थ ही, अनेक अशुभ विचारों को जन्म देता है।

इन्सान का स्वार्थ ही, अनेक अशुभ विचारों को जन्म देता है।

जो व्यक्ति दिन और रात परमत्मा का ध्यान करता है, उसके लिए मै खुद को बलिदान करता हूँ।

जो व्यक्ति दिन और रात परमत्मा का ध्यान करता है, उसके लिए मै खुद को बलिदान करता हूँ।

जब आप अपने अन्दर बैठे अहंकार को मिटा देंगे तभी आपको वास्तविक शांति की प्राप्त होगी।

जब आप अपने अन्दर बैठे अहंकार को मिटा देंगे तभी आपको वास्तविक शांति की प्राप्त होगी।

यदि तुम असहाय और कमजोरो पर तलवार उठाते हो तो एक दिन ईश्वर भी आपके ऊपर अपना तलवार चलायेंगा।

यदि तुम असहाय और कमजोरो पर तलवार उठाते हो तो एक दिन ईश्वर भी आपके ऊपर अपना तलवार चलायेंगा।

वह व्यक्ति हमेसा खुद अकेला पाता है जो लोगो के लिए जुबान पर कुछ और दिल में कुछ और ही रखता है।

वह व्यक्ति हमेसा खुद अकेला पाता है जो लोगो के लिए जुबान पर कुछ और दिल में कुछ और ही रखता है।

जो लोग हर हाल में ईश्वर का नाम स्मरण करते है वे ही लोग सुख और शांति प्राप्त करते है।

जो लोग हर हाल में ईश्वर का नाम स्मरण करते है वे ही लोग सुख और शांति प्राप्त करते है।

 जो ईश्वर में विश्वास रखता है उनके संरक्षण में, जरूरत में, जीवन के हर पथ पर ईश्वर उनका साथ देते है।

जो ईश्वर में विश्वास रखता है उनके संरक्षण में, जरूरत में, जीवन के हर पथ पर ईश्वर उनका साथ देते है।

 स्वार्थ ही बुरे कर्मो के जन्म का कारण बनता है।

स्वार्थ ही बुरे कर्मो के जन्म का कारण बनता है।

मेरी बात सुनो जो लोग दुसरे से प्रेम करते है वही लोग प्रभु को महसूस कर सकते है।

मेरी बात सुनो जो लोग दुसरे से प्रेम करते है वही लोग प्रभु को महसूस कर सकते है।

स्वार्थ ही अशुभ संकल्पों को जन्म देता है।

स्वार्थ ही अशुभ संकल्पों को जन्म देता है।

 मैं उस गुरु के लिए न्योछावर हूँ, जो भगवान के उपदेशों का पाठ करता है।

मैं उस गुरु के लिए न्योछावर हूँ, जो भगवान के उपदेशों का पाठ करता है।

 सेवक नानक भगवान के दास हैं, अपनी कृपा से, भगवान उनका सम्मान सुरक्षित रखते हैं।

सेवक नानक भगवान के दास हैं, अपनी कृपा से, भगवान उनका सम्मान सुरक्षित रखते हैं।

मृत्यु के शहर में, उन्हें बाँध कर पीटा जाता है, और कोई उनकी प्रार्थना नहीं सुनता है।

मृत्यु के शहर में, उन्हें बाँध कर पीटा जाता है, और कोई उनकी प्रार्थना नहीं सुनता है।

बिना नाम के कोई शांति नहीं है।

बिना नाम के कोई शांति नहीं है।

ईश्वर स्वयं क्षमा करता है।

ईश्वर स्वयं क्षमा करता है।

 बिना गुरु के किसी को भगवान का नाम नहीं मिला है।

बिना गुरु के किसी को भगवान का नाम नहीं मिला है।

आप स्वयं ही स्वयं हैं, अपने स्वयं ही सृष्टि का सृजन किया है।

आप स्वयं ही स्वयं हैं, अपने स्वयं ही सृष्टि का सृजन किया है।