Guru Gobind Singh Quotes

Guru Gobind Singh Quotes with Images

Guru Gobind Singh Quotes in Hindi

जब आप अपने अन्दर से अहंकार मिटा देंगे तभी आपको वास्तविक शांति प्राप्त होगी।

ये मित्र संगठित हैं, और फिर से अलग नहीं होंगे, उन्हें स्वंय सृजनकर्ता भगवान् ने एक किया है।

शरीर को नुक्सान पहुंचने वाले किसी भी प्रकार के नशे और तंबाकू आदि का सेवन न करें।

विदेशी नागरिक, दुखी व्यक्ति, विकलांग व जरूरतमंद इंसान की सदैव हृदय से मदद करें।

आप अपनी जवानी, जाति और कुल धर्म को लेकर कभी भी घमंडी ना बने उससे हमेशा बचे।

गुरुबानी को आप पूरी तरह से कंठस्थ कर लें।

अपने काम को लेकर लापरवाह ना बने में खूब मेहनत करें।

आप अपनी जीविका को चलाने के लिए ईमानदारी पूर्वक काम करे।

हमेशा आप अपनी कमाई का दसवां भाग दान में दे दें।

इन्सान का स्वार्थ ही, अनेक अशुभ विचारों को जन्म देता है।

जो व्यक्ति दिन और रात परमत्मा का ध्यान करता है, उसके लिए मै खुद को बलिदान करता हूँ।

जब आप अपने अन्दर बैठे अहंकार को मिटा देंगे तभी आपको वास्तविक शांति की प्राप्त होगी।

यदि तुम असहाय और कमजोरो पर तलवार उठाते हो तो एक दिन ईश्वर भी आपके ऊपर अपना तलवार चलायेंगा।

वह व्यक्ति हमेसा खुद अकेला पाता है जो लोगो के लिए जुबान पर कुछ और दिल में कुछ और ही रखता है।

जो लोग हर हाल में ईश्वर का नाम स्मरण करते है वे ही लोग सुख और शांति प्राप्त करते है।

जो ईश्वर में विश्वास रखता है उनके संरक्षण में, जरूरत में, जीवन के हर पथ पर ईश्वर उनका साथ देते है।

स्वार्थ ही बुरे कर्मो के जन्म का कारण बनता है।

मैं लोगो को के पैरो में गिरता हु जो लोग सच्चाई पर विश्वास रखते है।

मेरी बात सुनो जो लोग दुसरे से प्रेम करते है वही लोग प्रभु को महसूस कर सकते है।

स्वार्थ ही अशुभ संकल्पों को जन्म देता है।

मैं उस गुरु के लिए न्योछावर हूँ, जो भगवान के उपदेशों का पाठ करता है।

सेवक नानक भगवान के दास हैं, अपनी कृपा से, भगवान उनका सम्मान सुरक्षित रखते हैं।

मृत्यु के शहर में, उन्हें बाँध कर पीटा जाता है, और कोई उनकी प्रार्थना नहीं सुनता है।

बिना नाम के कोई शांति नहीं है।

ईश्वर स्वयं क्षमा करता है।

बिना गुरु के किसी को भगवान का नाम नहीं मिला है।

आप स्वयं ही स्वयं हैं, अपने स्वयं ही सृष्टि का सृजन किया है।

आपने ब्रह्माण्ड की रचना की, आप ही सुख-दुःख के दाता हैं।

जब बाकी सभी तरीके विफल हो जाएं, तो हाथ में तलवार उठाना सही है।

जो कोई भी मुझे भगवान कहे, वो नरक में चला जाए।

मैं उन लोगों को पसंद करता हूँ जो सच्चाई के मार्ग पर चलते हैं।

अगर आप केवल भविष्य के बारे में सोचते रहेंगे तो वर्तमान भी खो देंगे।

चिड़िया ते में बाज़ लड़ावा, गिद्रं तो में शेर बनाउन, सवा लाख से एक लड़ावा, तबे गोबिंद सिंह नाम कहउँ।

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 जब आप अपने अन्दर से अहंकार मिटा देंगे तभी आपको वास्तविक शांति प्राप्त होगी।
ये मित्र संगठित हैं, और फिर से अलग नहीं होंगे, उन्हें स्वंय सृजनकर्ता भगवान् ने एक किया है।
शरीर को नुक्सान पहुंचने वाले किसी भी प्रकार के नशे और तंबाकू आदि का सेवन न करें।
विदेशी नागरिक, दुखी व्यक्ति, विकलांग व जरूरतमंद इंसान की सदैव हृदय से मदद करें।
आप अपनी जवानी, जाति और कुल धर्म को लेकर कभी भी घमंडी ना बने उससे हमेशा बचे।
गुरुबानी को आप पूरी तरह से कंठस्थ कर लें।
अपने काम को लेकर लापरवाह ना बने में खूब मेहनत करें।
आप अपनी जीविका को चलाने के लिए ईमानदारी पूर्वक काम करे।
 हमेशा आप अपनी कमाई का दसवां भाग दान में दे दें।
इन्सान का स्वार्थ ही, अनेक अशुभ विचारों को जन्म देता है।
जो व्यक्ति दिन और रात परमत्मा का ध्यान करता है, उसके लिए मै खुद को बलिदान करता हूँ।
जब आप अपने अन्दर बैठे अहंकार को मिटा देंगे तभी आपको वास्तविक शांति की प्राप्त होगी।
यदि तुम असहाय और कमजोरो पर तलवार उठाते हो तो एक दिन ईश्वर भी आपके ऊपर अपना तलवार चलायेंगा।
वह व्यक्ति हमेसा खुद अकेला पाता है जो लोगो के लिए जुबान पर कुछ और दिल में कुछ और ही रखता है।
जो लोग हर हाल में ईश्वर का नाम स्मरण करते है वे ही लोग सुख और शांति प्राप्त करते है।
 जो ईश्वर में विश्वास रखता है उनके संरक्षण में, जरूरत में, जीवन के हर पथ पर ईश्वर उनका साथ देते है।
 स्वार्थ ही बुरे कर्मो के जन्म का कारण बनता है।
मैं लोगो को के पैरो में गिरता हु जो लोग सच्चाई पर विश्वास रखते है।
मेरी बात सुनो जो लोग दुसरे से प्रेम करते है वही लोग प्रभु को महसूस कर सकते है।
स्वार्थ ही अशुभ संकल्पों को जन्म देता है।
 मैं उस गुरु के लिए न्योछावर हूँ, जो भगवान के उपदेशों का पाठ करता है।
 सेवक नानक भगवान के दास हैं, अपनी कृपा से, भगवान उनका सम्मान सुरक्षित रखते हैं।
मृत्यु के शहर में, उन्हें बाँध कर पीटा जाता है, और कोई उनकी प्रार्थना नहीं सुनता है।
बिना नाम के कोई शांति नहीं है।
ईश्वर स्वयं क्षमा करता है।
 बिना गुरु के किसी को भगवान का नाम नहीं मिला है।
आप स्वयं ही स्वयं हैं, अपने स्वयं ही सृष्टि का सृजन किया है।
आपने ब्रह्माण्ड की रचना की, आप ही सुख-दुःख के दाता हैं।
जब बाकी सभी तरीके विफल हो जाएं, तो हाथ में तलवार उठाना सही है।
जो कोई भी मुझे भगवान कहे, वो नरक में चला जाए।
मैं उन लोगों को पसंद करता हूँ जो सच्चाई के मार्ग पर चलते हैं।
अगर आप केवल भविष्य के बारे में सोचते रहेंगे तो वर्तमान भी खो देंगे।
चिड़िया ते में बाज़ लड़ावा, गिद्रं तो में शेर बनाउन, सवा लाख से एक लड़ावा, तबे गोबिंद सिंह नाम कहउँ।