Guru Gobind Singh Quotes, Status, and Thoughts in Hindi

चिड़िया ते में बाज़ लड़ावा, गिद्रं तो में शेर बनाउन, सवा लाख से एक लड़ावा, तबे गोबिंद सिंह नाम कहउँ।

चिड़िया ते में बाज़ लड़ावा, गिद्रं तो में शेर बनाउन, सवा लाख से एक लड़ावा, तबे गोबिंद सिंह नाम कहउँ।

अगर आप केवल भविष्य के बारे में सोचते रहेंगे तो वर्तमान भी खो देंगे।

अगर आप केवल भविष्य के बारे में सोचते रहेंगे तो वर्तमान भी खो देंगे।

मैं उन लोगों को पसंद करता हूँ जो सच्चाई के मार्ग पर चलते हैं।

मैं उन लोगों को पसंद करता हूँ जो सच्चाई के मार्ग पर चलते हैं।

जो कोई भी मुझे भगवान कहे, वो नरक में चला जाए।

जो कोई भी मुझे भगवान कहे, वो नरक में चला जाए।

जब बाकी सभी तरीके विफल हो जाएं, तो हाथ में तलवार उठाना सही है।

जब बाकी सभी तरीके विफल हो जाएं, तो हाथ में तलवार उठाना सही है।

आपने ब्रह्माण्ड की रचना की, आप ही सुख-दुःख के दाता हैं।

आपने ब्रह्माण्ड की रचना की, आप ही सुख-दुःख के दाता हैं।

आप स्वयं ही स्वयं हैं, अपने स्वयं ही सृष्टि का सृजन किया है।

आप स्वयं ही स्वयं हैं, अपने स्वयं ही सृष्टि का सृजन किया है।

 बिना गुरु के किसी को भगवान का नाम नहीं मिला है।

बिना गुरु के किसी को भगवान का नाम नहीं मिला है।

ईश्वर स्वयं क्षमा करता है।

ईश्वर स्वयं क्षमा करता है।

बिना नाम के कोई शांति नहीं है।

बिना नाम के कोई शांति नहीं है।

मृत्यु के शहर में, उन्हें बाँध कर पीटा जाता है, और कोई उनकी प्रार्थना नहीं सुनता है।

मृत्यु के शहर में, उन्हें बाँध कर पीटा जाता है, और कोई उनकी प्रार्थना नहीं सुनता है।

 सेवक नानक भगवान के दास हैं, अपनी कृपा से, भगवान उनका सम्मान सुरक्षित रखते हैं।

सेवक नानक भगवान के दास हैं, अपनी कृपा से, भगवान उनका सम्मान सुरक्षित रखते हैं।

 मैं उस गुरु के लिए न्योछावर हूँ, जो भगवान के उपदेशों का पाठ करता है।

मैं उस गुरु के लिए न्योछावर हूँ, जो भगवान के उपदेशों का पाठ करता है।

स्वार्थ ही अशुभ संकल्पों को जन्म देता है।

स्वार्थ ही अशुभ संकल्पों को जन्म देता है।

मेरी बात सुनो जो लोग दुसरे से प्रेम करते है वही लोग प्रभु को महसूस कर सकते है।

मेरी बात सुनो जो लोग दुसरे से प्रेम करते है वही लोग प्रभु को महसूस कर सकते है।

मैं लोगो को के पैरो में गिरता हु जो लोग सच्चाई पर विश्वास रखते है।

मैं लोगो को के पैरो में गिरता हु जो लोग सच्चाई पर विश्वास रखते है।

 स्वार्थ ही बुरे कर्मो के जन्म का कारण बनता है।

स्वार्थ ही बुरे कर्मो के जन्म का कारण बनता है।

 जो ईश्वर में विश्वास रखता है उनके संरक्षण में, जरूरत में, जीवन के हर पथ पर ईश्वर उनका साथ देते है।

जो ईश्वर में विश्वास रखता है उनके संरक्षण में, जरूरत में, जीवन के हर पथ पर ईश्वर उनका साथ देते है।

जो लोग हर हाल में ईश्वर का नाम स्मरण करते है वे ही लोग सुख और शांति प्राप्त करते है।

जो लोग हर हाल में ईश्वर का नाम स्मरण करते है वे ही लोग सुख और शांति प्राप्त करते है।

वह व्यक्ति हमेसा खुद अकेला पाता है जो लोगो के लिए जुबान पर कुछ और दिल में कुछ और ही रखता है।

वह व्यक्ति हमेसा खुद अकेला पाता है जो लोगो के लिए जुबान पर कुछ और दिल में कुछ और ही रखता है।

यदि तुम असहाय और कमजोरो पर तलवार उठाते हो तो एक दिन ईश्वर भी आपके ऊपर अपना तलवार चलायेंगा।

यदि तुम असहाय और कमजोरो पर तलवार उठाते हो तो एक दिन ईश्वर भी आपके ऊपर अपना तलवार चलायेंगा।

जब आप अपने अन्दर बैठे अहंकार को मिटा देंगे तभी आपको वास्तविक शांति की प्राप्त होगी।

जब आप अपने अन्दर बैठे अहंकार को मिटा देंगे तभी आपको वास्तविक शांति की प्राप्त होगी।

जो व्यक्ति दिन और रात परमत्मा का ध्यान करता है, उसके लिए मै खुद को बलिदान करता हूँ।

जो व्यक्ति दिन और रात परमत्मा का ध्यान करता है, उसके लिए मै खुद को बलिदान करता हूँ।

इन्सान का स्वार्थ ही, अनेक अशुभ विचारों को जन्म देता है।

इन्सान का स्वार्थ ही, अनेक अशुभ विचारों को जन्म देता है।

 हमेशा आप अपनी कमाई का दसवां भाग दान में दे दें।

हमेशा आप अपनी कमाई का दसवां भाग दान में दे दें।

आप अपनी जीविका को चलाने के लिए ईमानदारी पूर्वक काम करे।

आप अपनी जीविका को चलाने के लिए ईमानदारी पूर्वक काम करे।

अपने काम को लेकर लापरवाह ना बने में खूब मेहनत करें।

अपने काम को लेकर लापरवाह ना बने में खूब मेहनत करें।

गुरुबानी को आप पूरी तरह से कंठस्थ कर लें।

गुरुबानी को आप पूरी तरह से कंठस्थ कर लें।

आप अपनी जवानी, जाति और कुल धर्म को लेकर कभी भी घमंडी ना बने उससे हमेशा बचे।

आप अपनी जवानी, जाति और कुल धर्म को लेकर कभी भी घमंडी ना बने उससे हमेशा बचे।

विदेशी नागरिक, दुखी व्यक्ति, विकलांग व जरूरतमंद इंसान की सदैव हृदय से मदद करें।

विदेशी नागरिक, दुखी व्यक्ति, विकलांग व जरूरतमंद इंसान की सदैव हृदय से मदद करें।

शरीर को नुक्सान पहुंचने वाले किसी भी प्रकार के नशे और तंबाकू आदि का सेवन न करें।

शरीर को नुक्सान पहुंचने वाले किसी भी प्रकार के नशे और तंबाकू आदि का सेवन न करें।

ये मित्र संगठित हैं, और फिर से अलग नहीं होंगे, उन्हें स्वंय सृजनकर्ता भगवान् ने एक किया है।

ये मित्र संगठित हैं, और फिर से अलग नहीं होंगे, उन्हें स्वंय सृजनकर्ता भगवान् ने एक किया है।

 जब आप अपने अन्दर से अहंकार मिटा देंगे तभी आपको वास्तविक शांति प्राप्त होगी।

जब आप अपने अन्दर से अहंकार मिटा देंगे तभी आपको वास्तविक शांति प्राप्त होगी।