आपने ब्रह्माण्ड की रचना की, आप ही सुख-दुःख के दाता हैं।

आपने ब्रह्माण्ड की रचना की, आप ही सुख-दुःख के दाता हैं।

Guru Gobind Singh

मेरी बात सुनो जो लोग दुसरे से प्रेम करते है वही लोग प्रभु को महसूस कर सकते है।

मेरी बात सुनो जो लोग दुसरे से प्रेम करते है वही लोग प्रभु को महसूस कर सकते है।

स्वार्थ ही अशुभ संकल्पों को जन्म देता है।

स्वार्थ ही अशुभ संकल्पों को जन्म देता है।

 मैं उस गुरु के लिए न्योछावर हूँ, जो भगवान के उपदेशों का पाठ करता है।

मैं उस गुरु के लिए न्योछावर हूँ, जो भगवान के उपदेशों का पाठ करता है।

 सेवक नानक भगवान के दास हैं, अपनी कृपा से, भगवान उनका सम्मान सुरक्षित रखते हैं।

सेवक नानक भगवान के दास हैं, अपनी कृपा से, भगवान उनका सम्मान सुरक्षित रखते हैं।

मृत्यु के शहर में, उन्हें बाँध कर पीटा जाता है, और कोई उनकी प्रार्थना नहीं सुनता है।

मृत्यु के शहर में, उन्हें बाँध कर पीटा जाता है, और कोई उनकी प्रार्थना नहीं सुनता है।

बिना नाम के कोई शांति नहीं है।

बिना नाम के कोई शांति नहीं है।

ईश्वर स्वयं क्षमा करता है।

ईश्वर स्वयं क्षमा करता है।

 बिना गुरु के किसी को भगवान का नाम नहीं मिला है।

बिना गुरु के किसी को भगवान का नाम नहीं मिला है।

आप स्वयं ही स्वयं हैं, अपने स्वयं ही सृष्टि का सृजन किया है।

आप स्वयं ही स्वयं हैं, अपने स्वयं ही सृष्टि का सृजन किया है।

जब बाकी सभी तरीके विफल हो जाएं, तो हाथ में तलवार उठाना सही है।

जब बाकी सभी तरीके विफल हो जाएं, तो हाथ में तलवार उठाना सही है।

जो कोई भी मुझे भगवान कहे, वो नरक में चला जाए।

जो कोई भी मुझे भगवान कहे, वो नरक में चला जाए।

मैं उन लोगों को पसंद करता हूँ जो सच्चाई के मार्ग पर चलते हैं।

मैं उन लोगों को पसंद करता हूँ जो सच्चाई के मार्ग पर चलते हैं।

अगर आप केवल भविष्य के बारे में सोचते रहेंगे तो वर्तमान भी खो देंगे।

अगर आप केवल भविष्य के बारे में सोचते रहेंगे तो वर्तमान भी खो देंगे।

चिड़िया ते में बाज़ लड़ावा, गिद्रं तो में शेर बनाउन, सवा लाख से एक लड़ावा, तबे गोबिंद सिंह नाम कहउँ।

चिड़िया ते में बाज़ लड़ावा, गिद्रं तो में शेर बनाउन, सवा लाख से एक लड़ावा, तबे गोबिंद सिंह नाम कहउँ।

स्वतंत्रता जब अपनी जड़ जमाने लगती है तो एक तेजी से बढ़ने वाले पौधे के सामान हो जाती है।

स्वतंत्रता जब अपनी जड़ जमाने लगती है तो एक तेजी से बढ़ने वाले पौधे के सामान हो जाती है।

अपने ह्रदय में उस दीव्य चिंगारी, जिसे अंतरात्मा कहते हैं, को जिंदा रखने के लिए मेहनत करो।

अपने ह्रदय में उस दीव्य चिंगारी, जिसे अंतरात्मा कहते हैं, को जिंदा रखने के लिए मेहनत करो।

सभी देशों के प्रति अच्छी भावना और न्याय रखें,सभी के साथ शांति और सद्भाव स्थापित करें।

सभी देशों के प्रति अच्छी भावना और न्याय रखें,सभी के साथ शांति और सद्भाव स्थापित करें।

चलिए एक ऐसा मानक बनाएं जिस पर बुद्धिमान और ईमानदार चल सकें, बाकि भगवान के हाथ में है।

चलिए एक ऐसा मानक बनाएं जिस पर बुद्धिमान और ईमानदार चल सकें, बाकि भगवान के हाथ में है।