अच्छे कर्म करने के बावजूद भी लोग केवल आपकी बुराइयाँ ही याद रखेंगे, इसलिए लोग क्या कहते हैं इस पर ध्यान मत दो, तुम अपना कर्म करते रहो।

अच्छे कर्म करने के बावजूद भी लोग केवल आपकी बुराइयाँ ही याद रखेंगे, इसलिए लोग क्या कहते हैं इस पर ध्यान मत दो, तुम अपना कर्म करते रहो।

Bhagavad Gita

आप जीवन में कितना ऊपर उठेंगे, यह निर्भर करता है, आपके मनोबल पर, आपकी धारणाओं पर, आपके एटीट्यूड पर।

आप जीवन में कितना ऊपर उठेंगे, यह निर्भर करता है, आपके मनोबल पर, आपकी धारणाओं पर, आपके एटीट्यूड पर।

जब हम एक ही चुटकुले पर बार-बार नहीं हँस सकते हैं तो फिर एक ही समस्या पर बार-बार क्यों रोते हैं

जब हम एक ही चुटकुले पर बार-बार नहीं हँस सकते हैं तो फिर एक ही समस्या पर बार-बार क्यों रोते हैं

जब तक मनुष्य दूसरे की उन्नति से जलता रहेगा, तब तक वह सुख और शांति का अनुभव नहीं कर पाएगा।

जब तक मनुष्य दूसरे की उन्नति से जलता रहेगा, तब तक वह सुख और शांति का अनुभव नहीं कर पाएगा।

अपने विश्वास को मजबूत करो और आपकी सारी शंकाएँ दूर हो जाएगी।

अपने विश्वास को मजबूत करो और आपकी सारी शंकाएँ दूर हो जाएगी।

आप जो करना पसंद करते हैं उसे जरूर करें, लेकिन जो आपको करना है, उससे प्यार करना शुरू करें। यही खुशी का राज है।

आप जो करना पसंद करते हैं उसे जरूर करें, लेकिन जो आपको करना है, उससे प्यार करना शुरू करें। यही खुशी का राज है।

हर लम्हा अच्छी तरह से जीना ही समग्र कल्याण का रहस्य है।

हर लम्हा अच्छी तरह से जीना ही समग्र कल्याण का रहस्य है।

यदि आप अपने महसूस करने के तरीके को बदलना चाहते हैं, तो अपने जीने के तरीके को बदलें।

यदि आप अपने महसूस करने के तरीके को बदलना चाहते हैं, तो अपने जीने के तरीके को बदलें।

अपने जीवन को मोमबत्ती की तरह बनाओ जो जलती जाती है लेकिन जाते-जाते लोगों के जीवन में उजाला कर जाती है

अपने जीवन को मोमबत्ती की तरह बनाओ जो जलती जाती है लेकिन जाते-जाते लोगों के जीवन में उजाला कर जाती है

 जब जब इस धरती पर पाप, अहंकार और अधर्म बढ़ेगा। तो उसका विनाश कर धर्म की पुन: स्थापना करने हेतु, मैं अवश्य अवतार लेता रहूंगा।

जब जब इस धरती पर पाप, अहंकार और अधर्म बढ़ेगा। तो उसका विनाश कर धर्म की पुन: स्थापना करने हेतु, मैं अवश्य अवतार लेता रहूंगा।

अपने आपको ईश्वर के प्रति समर्पित कर दो, यही सबसे बड़ा सहारा है। जो कोई भी इस सहारे को पहचान गया है वह डर, चिंता और दुखों से आजाद रहता है।

अपने आपको ईश्वर के प्रति समर्पित कर दो, यही सबसे बड़ा सहारा है। जो कोई भी इस सहारे को पहचान गया है वह डर, चिंता और दुखों से आजाद रहता है।

 जिस तरह प्रकाश की ज्योति अँधेरे में चमकती है, ठीक उसी प्रकार सत्य भी चमकता है। इसलिए हमेशा सत्य की राह पर चलना चाहिए।

जिस तरह प्रकाश की ज्योति अँधेरे में चमकती है, ठीक उसी प्रकार सत्य भी चमकता है। इसलिए हमेशा सत्य की राह पर चलना चाहिए।

जो होने वाला है वो होकर ही रहता है और जो नहीं होने वाला वह कभी नहीं होता, ऐसा निश्चय जिनकी बुद्धि में होता है, उन्हें चिंता कभी नही सताती है।

जो होने वाला है वो होकर ही रहता है और जो नहीं होने वाला वह कभी नहीं होता, ऐसा निश्चय जिनकी बुद्धि में होता है, उन्हें चिंता कभी नही सताती है।

जिस प्रकार एक दिया अपना प्रकाश कम किए बिना हजारों दियों को जला देता है उसी प्रकार खुशियों को बांटा जाए तो खुशियां कम नहीं होती।

जिस प्रकार एक दिया अपना प्रकाश कम किए बिना हजारों दियों को जला देता है उसी प्रकार खुशियों को बांटा जाए तो खुशियां कम नहीं होती।

अगर आपको कोई अच्छा लगता है तो अच्छा वह नहीं बल्कि अच्छे आप हो क्योंकि उसमें अच्छाई देखने वाली नजर आपके पास है।

अगर आपको कोई अच्छा लगता है तो अच्छा वह नहीं बल्कि अच्छे आप हो क्योंकि उसमें अच्छाई देखने वाली नजर आपके पास है।

मन में क्रोध रखने की अपेक्षा उसे तुरंत प्रकट कर देना अधिक अच्छा है जैसे पल में जल जाना और देर तक सुलगने से अच्छा है।

मन में क्रोध रखने की अपेक्षा उसे तुरंत प्रकट कर देना अधिक अच्छा है जैसे पल में जल जाना और देर तक सुलगने से अच्छा है।

मैं धरती की मधुर सुगंध हूँ, मैं अग्नि की ऊष्मा हूँ, सभी जीवित प्राणियों का जीवन और सन्यासियों का आत्मसंयम हूँ।

मैं धरती की मधुर सुगंध हूँ, मैं अग्नि की ऊष्मा हूँ, सभी जीवित प्राणियों का जीवन और सन्यासियों का आत्मसंयम हूँ।

जो जीवन के मूल्य को जानता हो। इससे उच्चलोक की नहीं अपितु अपयश प्राप्ति होती है।

जो जीवन के मूल्य को जानता हो। इससे उच्चलोक की नहीं अपितु अपयश प्राप्ति होती है।

जो पुरुष न तो कर्मफल की इच्छा करता है, और न कर्मफलों से घृणा करता है, वह संन्यासी जाना जाता है।

जो पुरुष न तो कर्मफल की इच्छा करता है, और न कर्मफलों से घृणा करता है, वह संन्यासी जाना जाता है।