Srimad Bhagavad Gita Quotes, Messages, and Status in Hindi

समय से पहले और भाग्य से अधिक कभी किसी को कुछ नही मिलता है।

समय से पहले और भाग्य से अधिक कभी किसी को कुछ नही मिलता है।

कर्म के बिना फल की अभिलाषा करना, व्यक्ति की सबसे बड़ी मूर्खता है।

कर्म के बिना फल की अभिलाषा करना, व्यक्ति की सबसे बड़ी मूर्खता है।

नरक के तीन द्वार होते है, वासना, क्रोध और लालच।

नरक के तीन द्वार होते है, वासना, क्रोध और लालच।

वक्त से हारा या जीता नहीं जाता बल्कि सीखा जाता है।

वक्त से हारा या जीता नहीं जाता बल्कि सीखा जाता है।

रहने के लिए सबसे अच्छा स्थान किसी का हृदय है।

रहने के लिए सबसे अच्छा स्थान किसी का हृदय है।

बुराई को देखना और सुनना ही बुराई की शुरुआत है।

बुराई को देखना और सुनना ही बुराई की शुरुआत है।

सफलता जिस ताले में बंद रहती है वह दो चाबियों से खुलती है। एक कठिन परिश्रम और दूसरा दृढ संकल्प ।

सफलता जिस ताले में बंद रहती है वह दो चाबियों से खुलती है। एक कठिन परिश्रम और दूसरा दृढ संकल्प ।

धरती पर जिस प्रकार मौसम में बदलाव आता है, उसी प्रकार जीवन में भी सुख-दुख आता जाता रहता है।

धरती पर जिस प्रकार मौसम में बदलाव आता है, उसी प्रकार जीवन में भी सुख-दुख आता जाता रहता है।

जो कर्म को फल के लिए करता है, वास्तव में ना उसे फल मिलता है, ना ही वो कर्म है।

जो कर्म को फल के लिए करता है, वास्तव में ना उसे फल मिलता है, ना ही वो कर्म है।

खुद को जीवन के योग्य बनाना ही सफलता और सुख का एक मात्र मार्ग है।

खुद को जीवन के योग्य बनाना ही सफलता और सुख का एक मात्र मार्ग है।

जीवन ना तो भविष्य में है ना अतीत में, जीवन तो इस क्षण में है।

जीवन ना तो भविष्य में है ना अतीत में, जीवन तो इस क्षण में है।

जिस प्रकार अग्नि स्वर्ण को परखती है, उसी प्रकार संकट वीर पुरुषों को।

जिस प्रकार अग्नि स्वर्ण को परखती है, उसी प्रकार संकट वीर पुरुषों को।

प्रबुद्ध व्यक्ति के लिए, गंदगी का ढेर, पत्थर और सोना सभी समान हैं।

प्रबुद्ध व्यक्ति के लिए, गंदगी का ढेर, पत्थर और सोना सभी समान हैं।

कर्मों का गणित बड़ा सीधा और सरल है कर भला हो भला कर बुरा तो हो बुरा।

कर्मों का गणित बड़ा सीधा और सरल है कर भला हो भला कर बुरा तो हो बुरा।

मेरा तेरा, छोटा बड़ा, अपना पराया, मन से मिटा दो, फिर सब तुम्हारा है और तुम सबके हो।

मेरा तेरा, छोटा बड़ा, अपना पराया, मन से मिटा दो, फिर सब तुम्हारा है और तुम सबके हो।

आत्म-ज्ञान की तलवार से अपने ह्रदय से अज्ञान के संदेह को काटकर अलग कर दो। उठो, अनुशाषित रहो।

आत्म-ज्ञान की तलवार से अपने ह्रदय से अज्ञान के संदेह को काटकर अलग कर दो। उठो, अनुशाषित रहो।

दुःख भोगने वाला आगे चलकर सुखी हो सकता है मगर दुःख देने वाला कभी सुखी नहीं हो सकता।

दुःख भोगने वाला आगे चलकर सुखी हो सकता है मगर दुःख देने वाला कभी सुखी नहीं हो सकता।

कमजोर तब रुकते हैं जब वो थक जाते हैं और विजेता तब रुकते हैं जब वह जीत जाते हैं।

कमजोर तब रुकते हैं जब वो थक जाते हैं और विजेता तब रुकते हैं जब वह जीत जाते हैं।

समय के साथ बदल जाना बहुत आवश्यक है क्योंकि समय बदलना सिखाता है रुकना नहीं।

समय के साथ बदल जाना बहुत आवश्यक है क्योंकि समय बदलना सिखाता है रुकना नहीं।

अपने अंदर करुणा रखो आवेश नहीं मेघ की वर्षा से पुष्प खिलते हैं उसकी गर्जना से नहीं।

अपने अंदर करुणा रखो आवेश नहीं मेघ की वर्षा से पुष्प खिलते हैं उसकी गर्जना से नहीं।

यदि हार की संभावना ना हो तो जीत का कोई अर्थ नहीं है।

यदि हार की संभावना ना हो तो जीत का कोई अर्थ नहीं है।

अपकीर्ति मृत्यु से भी बुरी है।

अपकीर्ति मृत्यु से भी बुरी है।

कोई भी इंसान जन्म से नहीं बल्कि अपने कर्मो से महान बनता है।

कोई भी इंसान जन्म से नहीं बल्कि अपने कर्मो से महान बनता है।

कर्म मुझे बांधता नहीं, क्योंकि मुझे कर्म के प्रतिफल की कोई इच्छा नहीं।

कर्म मुझे बांधता नहीं, क्योंकि मुझे कर्म के प्रतिफल की कोई इच्छा नहीं।

सदैव संदेह करने वाले व्यक्ति के लिए प्रसन्नता ना इस लोक में है ना ही कहीं और।

सदैव संदेह करने वाले व्यक्ति के लिए प्रसन्नता ना इस लोक में है ना ही कहीं और।

फल की अभिलाषा छोड़कर कर्म करने वाला पुरुष ही अपने जीवन को सफल बनाता है।

फल की अभिलाषा छोड़कर कर्म करने वाला पुरुष ही अपने जीवन को सफल बनाता है।

मनुष्य को परिणाम की चिंता किए बिना, लोभ- लालच बिना एवं निस्वार्थ और निष्पक्ष होकर अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए।

मनुष्य को परिणाम की चिंता किए बिना, लोभ- लालच बिना एवं निस्वार्थ और निष्पक्ष होकर अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए।

मैं भूतकाल, वर्तमान और भविष्य काल के सभी जीवों को जानता हूं, लेकिन वास्तविकता में मुझे कोई नही जानता है।

मैं भूतकाल, वर्तमान और भविष्य काल के सभी जीवों को जानता हूं, लेकिन वास्तविकता में मुझे कोई नही जानता है।

मनुष्य को जीवन की चुनौतियों से भागना नहीं चाहिए और न ही भाग्य और ईश्वर की इच्छा जैसे बहानों का प्रयोग करना चाहिए।

मनुष्य को जीवन की चुनौतियों से भागना नहीं चाहिए और न ही भाग्य और ईश्वर की इच्छा जैसे बहानों का प्रयोग करना चाहिए।

सफलता पाने वाले भूत या भविष्य की चिंता किए बिना अपने वर्तमान को सुधारते हैं।

सफलता पाने वाले भूत या भविष्य की चिंता किए बिना अपने वर्तमान को सुधारते हैं।

परमात्मा को प्राप्ति के इच्छुक ब्रम्हचर्य का पालन करते है।

परमात्मा को प्राप्ति के इच्छुक ब्रम्हचर्य का पालन करते है।

वह जो सभी इच्छाएं त्याग देता है और “मैं ” और “मेरा ” की लालसा और भावना से मुक्त हो जाता है उसे शान्ति प्राप्त होती है।

वह जो सभी इच्छाएं त्याग देता है और “मैं ” और “मेरा ” की लालसा और भावना से मुक्त हो जाता है उसे शान्ति प्राप्त होती है।

लोग आपके अपमान के बारे में हमेशा बात करेंगे। सम्मानित व्यक्ति के लिए, अपमान मृत्यु से भी बदतर है।

लोग आपके अपमान के बारे में हमेशा बात करेंगे। सम्मानित व्यक्ति के लिए, अपमान मृत्यु से भी बदतर है।

व्यर्थ की चिंता और भय एक रोग के समान है जो आपकी आत्मीय शक्ति को छिन्न करती है।

व्यर्थ की चिंता और भय एक रोग के समान है जो आपकी आत्मीय शक्ति को छिन्न करती है।

जैसे जल द्वारा अग्नि को शांत किया जाता है वैसे ही ज्ञान के द्वारा मन को शांत रखना चाहिए।

जैसे जल द्वारा अग्नि को शांत किया जाता है वैसे ही ज्ञान के द्वारा मन को शांत रखना चाहिए।

कर्म वह फसल है जिसे इंसान को हर हाल में काटना ही पड़ता है।

कर्म वह फसल है जिसे इंसान को हर हाल में काटना ही पड़ता है।

एक ज्ञानवान व्यक्ति कभी भी कामुक सुख में आनंद नहीं लेता।

एक ज्ञानवान व्यक्ति कभी भी कामुक सुख में आनंद नहीं लेता।

जो मुझे सब जगह देखता है और सब कुछ मुझमें देकता है उसके लिए न तो मैं कभी अदृश्य होता हूँ और न वह मेरे लिए अदृश्य होता है।

जो मुझे सब जगह देखता है और सब कुछ मुझमें देकता है उसके लिए न तो मैं कभी अदृश्य होता हूँ और न वह मेरे लिए अदृश्य होता है।

पेड़ कभी डाली काटने से नहीं सूखता पेड़ हमेशा जड़ काटने से सूखता है वैसे ही इंसान अपने कर्म से नहीं बल्कि छोटी सोच और गलत व्यवहार से हारता है।

पेड़ कभी डाली काटने से नहीं सूखता पेड़ हमेशा जड़ काटने से सूखता है वैसे ही इंसान अपने कर्म से नहीं बल्कि छोटी सोच और गलत व्यवहार से हारता है।

जैसे समुद्र के पार जाने के लिए नाव ही एकमात्र साधन है उसी प्रकार स्वर्ग के लिए सत्य ही एकमात्र सीढ़ी है।

जैसे समुद्र के पार जाने के लिए नाव ही एकमात्र साधन है उसी प्रकार स्वर्ग के लिए सत्य ही एकमात्र सीढ़ी है।

अगर आप किसी को छोटा देख रहे हो तो आप उसे या तो दूर से देख रहे हो या तो अपने भीतर के अहंकार से।

अगर आप किसी को छोटा देख रहे हो तो आप उसे या तो दूर से देख रहे हो या तो अपने भीतर के अहंकार से।

जो पुरुष न तो कर्मफल की इच्छा करता है, और न कर्मफलों से घृणा करता है, वह संन्यासी जाना जाता है।

जो पुरुष न तो कर्मफल की इच्छा करता है, और न कर्मफलों से घृणा करता है, वह संन्यासी जाना जाता है।

जो जीवन के मूल्य को जानता हो। इससे उच्चलोक की नहीं अपितु अपयश प्राप्ति होती है।

जो जीवन के मूल्य को जानता हो। इससे उच्चलोक की नहीं अपितु अपयश प्राप्ति होती है।

मैं धरती की मधुर सुगंध हूँ, मैं अग्नि की ऊष्मा हूँ, सभी जीवित प्राणियों का जीवन और सन्यासियों का आत्मसंयम हूँ।

मैं धरती की मधुर सुगंध हूँ, मैं अग्नि की ऊष्मा हूँ, सभी जीवित प्राणियों का जीवन और सन्यासियों का आत्मसंयम हूँ।

मन में क्रोध रखने की अपेक्षा उसे तुरंत प्रकट कर देना अधिक अच्छा है जैसे पल में जल जाना और देर तक सुलगने से अच्छा है।

मन में क्रोध रखने की अपेक्षा उसे तुरंत प्रकट कर देना अधिक अच्छा है जैसे पल में जल जाना और देर तक सुलगने से अच्छा है।

अगर आपको कोई अच्छा लगता है तो अच्छा वह नहीं बल्कि अच्छे आप हो क्योंकि उसमें अच्छाई देखने वाली नजर आपके पास है।

अगर आपको कोई अच्छा लगता है तो अच्छा वह नहीं बल्कि अच्छे आप हो क्योंकि उसमें अच्छाई देखने वाली नजर आपके पास है।

जिस प्रकार एक दिया अपना प्रकाश कम किए बिना हजारों दियों को जला देता है उसी प्रकार खुशियों को बांटा जाए तो खुशियां कम नहीं होती।

जिस प्रकार एक दिया अपना प्रकाश कम किए बिना हजारों दियों को जला देता है उसी प्रकार खुशियों को बांटा जाए तो खुशियां कम नहीं होती।

जो होने वाला है वो होकर ही रहता है और जो नहीं होने वाला वह कभी नहीं होता, ऐसा निश्चय जिनकी बुद्धि में होता है, उन्हें चिंता कभी नही सताती है।

जो होने वाला है वो होकर ही रहता है और जो नहीं होने वाला वह कभी नहीं होता, ऐसा निश्चय जिनकी बुद्धि में होता है, उन्हें चिंता कभी नही सताती है।

 जिस तरह प्रकाश की ज्योति अँधेरे में चमकती है, ठीक उसी प्रकार सत्य भी चमकता है। इसलिए हमेशा सत्य की राह पर चलना चाहिए।

जिस तरह प्रकाश की ज्योति अँधेरे में चमकती है, ठीक उसी प्रकार सत्य भी चमकता है। इसलिए हमेशा सत्य की राह पर चलना चाहिए।

अपने आपको ईश्वर के प्रति समर्पित कर दो, यही सबसे बड़ा सहारा है। जो कोई भी इस सहारे को पहचान गया है वह डर, चिंता और दुखों से आजाद रहता है।

अपने आपको ईश्वर के प्रति समर्पित कर दो, यही सबसे बड़ा सहारा है। जो कोई भी इस सहारे को पहचान गया है वह डर, चिंता और दुखों से आजाद रहता है।

अच्छे कर्म करने के बावजूद भी लोग केवल आपकी बुराइयाँ ही याद रखेंगे, इसलिए लोग क्या कहते हैं इस पर ध्यान मत दो, तुम अपना कर्म करते रहो।

अच्छे कर्म करने के बावजूद भी लोग केवल आपकी बुराइयाँ ही याद रखेंगे, इसलिए लोग क्या कहते हैं इस पर ध्यान मत दो, तुम अपना कर्म करते रहो।

 जब जब इस धरती पर पाप, अहंकार और अधर्म बढ़ेगा। तो उसका विनाश कर धर्म की पुन: स्थापना करने हेतु, मैं अवश्य अवतार लेता रहूंगा।

जब जब इस धरती पर पाप, अहंकार और अधर्म बढ़ेगा। तो उसका विनाश कर धर्म की पुन: स्थापना करने हेतु, मैं अवश्य अवतार लेता रहूंगा।