अपने अंदर करुणा रखो आवेश नहीं मेघ की वर्षा से पुष्प खिलते हैं उसकी गर्जना से नहीं।

अपने अंदर करुणा रखो आवेश नहीं मेघ की वर्षा से पुष्प खिलते हैं उसकी गर्जना से नहीं।

Bhagavad Gita

मनुष्य को जीवन की चुनौतियों से भागना नहीं चाहिए और न ही भाग्य और ईश्वर की इच्छा जैसे बहानों का प्रयोग करना चाहिए।

मनुष्य को जीवन की चुनौतियों से भागना नहीं चाहिए और न ही भाग्य और ईश्वर की इच्छा जैसे बहानों का प्रयोग करना चाहिए।

मैं भूतकाल, वर्तमान और भविष्य काल के सभी जीवों को जानता हूं, लेकिन वास्तविकता में मुझे कोई नही जानता है।

मैं भूतकाल, वर्तमान और भविष्य काल के सभी जीवों को जानता हूं, लेकिन वास्तविकता में मुझे कोई नही जानता है।

मनुष्य को परिणाम की चिंता किए बिना, लोभ- लालच बिना एवं निस्वार्थ और निष्पक्ष होकर अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए।

मनुष्य को परिणाम की चिंता किए बिना, लोभ- लालच बिना एवं निस्वार्थ और निष्पक्ष होकर अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए।

फल की अभिलाषा छोड़कर कर्म करने वाला पुरुष ही अपने जीवन को सफल बनाता है।

फल की अभिलाषा छोड़कर कर्म करने वाला पुरुष ही अपने जीवन को सफल बनाता है।

सदैव संदेह करने वाले व्यक्ति के लिए प्रसन्नता ना इस लोक में है ना ही कहीं और।

सदैव संदेह करने वाले व्यक्ति के लिए प्रसन्नता ना इस लोक में है ना ही कहीं और।

कर्म मुझे बांधता नहीं, क्योंकि मुझे कर्म के प्रतिफल की कोई इच्छा नहीं।

कर्म मुझे बांधता नहीं, क्योंकि मुझे कर्म के प्रतिफल की कोई इच्छा नहीं।

कोई भी इंसान जन्म से नहीं बल्कि अपने कर्मो से महान बनता है।

कोई भी इंसान जन्म से नहीं बल्कि अपने कर्मो से महान बनता है।

अपकीर्ति मृत्यु से भी बुरी है।

अपकीर्ति मृत्यु से भी बुरी है।

यदि हार की संभावना ना हो तो जीत का कोई अर्थ नहीं है।

यदि हार की संभावना ना हो तो जीत का कोई अर्थ नहीं है।

समय के साथ बदल जाना बहुत आवश्यक है क्योंकि समय बदलना सिखाता है रुकना नहीं।

समय के साथ बदल जाना बहुत आवश्यक है क्योंकि समय बदलना सिखाता है रुकना नहीं।

कमजोर तब रुकते हैं जब वो थक जाते हैं और विजेता तब रुकते हैं जब वह जीत जाते हैं।

कमजोर तब रुकते हैं जब वो थक जाते हैं और विजेता तब रुकते हैं जब वह जीत जाते हैं।

दुःख भोगने वाला आगे चलकर सुखी हो सकता है मगर दुःख देने वाला कभी सुखी नहीं हो सकता।

दुःख भोगने वाला आगे चलकर सुखी हो सकता है मगर दुःख देने वाला कभी सुखी नहीं हो सकता।

आत्म-ज्ञान की तलवार से अपने ह्रदय से अज्ञान के संदेह को काटकर अलग कर दो। उठो, अनुशाषित रहो।

आत्म-ज्ञान की तलवार से अपने ह्रदय से अज्ञान के संदेह को काटकर अलग कर दो। उठो, अनुशाषित रहो।

मेरा तेरा, छोटा बड़ा, अपना पराया, मन से मिटा दो, फिर सब तुम्हारा है और तुम सबके हो।

मेरा तेरा, छोटा बड़ा, अपना पराया, मन से मिटा दो, फिर सब तुम्हारा है और तुम सबके हो।

कर्मों का गणित बड़ा सीधा और सरल है कर भला हो भला कर बुरा तो हो बुरा।

कर्मों का गणित बड़ा सीधा और सरल है कर भला हो भला कर बुरा तो हो बुरा।

प्रबुद्ध व्यक्ति के लिए, गंदगी का ढेर, पत्थर और सोना सभी समान हैं।

प्रबुद्ध व्यक्ति के लिए, गंदगी का ढेर, पत्थर और सोना सभी समान हैं।

जिस प्रकार अग्नि स्वर्ण को परखती है, उसी प्रकार संकट वीर पुरुषों को।

जिस प्रकार अग्नि स्वर्ण को परखती है, उसी प्रकार संकट वीर पुरुषों को।

जीवन ना तो भविष्य में है ना अतीत में, जीवन तो इस क्षण में है।

जीवन ना तो भविष्य में है ना अतीत में, जीवन तो इस क्षण में है।