समय से पहले और भाग्य से अधिक कभी किसी को कुछ नही मिलता है।

समय से पहले और भाग्य से अधिक कभी किसी को कुछ नही मिलता है।

Bhagavad Gita

खुद को जीवन के योग्य बनाना ही सफलता और सुख का एक मात्र मार्ग है।

खुद को जीवन के योग्य बनाना ही सफलता और सुख का एक मात्र मार्ग है।

जो कर्म को फल के लिए करता है, वास्तव में ना उसे फल मिलता है, ना ही वो कर्म है।

जो कर्म को फल के लिए करता है, वास्तव में ना उसे फल मिलता है, ना ही वो कर्म है।

धरती पर जिस प्रकार मौसम में बदलाव आता है, उसी प्रकार जीवन में भी सुख-दुख आता जाता रहता है।

धरती पर जिस प्रकार मौसम में बदलाव आता है, उसी प्रकार जीवन में भी सुख-दुख आता जाता रहता है।

सफलता जिस ताले में बंद रहती है वह दो चाबियों से खुलती है। एक कठिन परिश्रम और दूसरा दृढ संकल्प ।

सफलता जिस ताले में बंद रहती है वह दो चाबियों से खुलती है। एक कठिन परिश्रम और दूसरा दृढ संकल्प ।

बुराई को देखना और सुनना ही बुराई की शुरुआत है।

बुराई को देखना और सुनना ही बुराई की शुरुआत है।

रहने के लिए सबसे अच्छा स्थान किसी का हृदय है।

रहने के लिए सबसे अच्छा स्थान किसी का हृदय है।

वक्त से हारा या जीता नहीं जाता बल्कि सीखा जाता है।

वक्त से हारा या जीता नहीं जाता बल्कि सीखा जाता है।

नरक के तीन द्वार होते है, वासना, क्रोध और लालच।

नरक के तीन द्वार होते है, वासना, क्रोध और लालच।

कर्म के बिना फल की अभिलाषा करना, व्यक्ति की सबसे बड़ी मूर्खता है।

कर्म के बिना फल की अभिलाषा करना, व्यक्ति की सबसे बड़ी मूर्खता है।

हर मनुष्य में दया और प्रेम होना चाहिए, हर किसी के मन में अपने से छोटे के प्रति दया और अपने से बड़ों के प्रति सम्मान की भावना होनी चाहिए।

हर मनुष्य में दया और प्रेम होना चाहिए, हर किसी के मन में अपने से छोटे के प्रति दया और अपने से बड़ों के प्रति सम्मान की भावना होनी चाहिए।

जो व्यक्ति किसी से भेदभाव नहीं करता और सबके साथ अच्छा व्यवहार करता है वह आदमी जीवन में खूब प्रगति करता है, ऐसे आदमी की हर इच्छा पूरी होती है।

जो व्यक्ति किसी से भेदभाव नहीं करता और सबके साथ अच्छा व्यवहार करता है वह आदमी जीवन में खूब प्रगति करता है, ऐसे आदमी की हर इच्छा पूरी होती है।

जो व्यक्ति जो कार्य निश्चित है उसे छोड़कर, जो कार्य अनिश्चित है उसके पीछे भागे तो वह व्यक्ति उसके हाथ में आया कार्य भी खो देता है।

जो व्यक्ति जो कार्य निश्चित है उसे छोड़कर, जो कार्य अनिश्चित है उसके पीछे भागे तो वह व्यक्ति उसके हाथ में आया कार्य भी खो देता है।

जो आपका कुमित्र है उन पर कभी भी विश्वास नहीं करना चाहिए, और जो मित्र है उन पर भी अँधा विश्वास नहीं करना चाहिए।

जो आपका कुमित्र है उन पर कभी भी विश्वास नहीं करना चाहिए, और जो मित्र है उन पर भी अँधा विश्वास नहीं करना चाहिए।

अगर किसी व्यक्ति से भूतकाल में कोई भूल हो तो उसे अपने वर्तमान को सुधारकर अपने भविष्य को अच्छा बनाना चाहिए।

अगर किसी व्यक्ति से भूतकाल में कोई भूल हो तो उसे अपने वर्तमान को सुधारकर अपने भविष्य को अच्छा बनाना चाहिए।

दोस्तों की परीक्षा संकट में होती है और जीवनसाथी की परीक्षा जब हमारा सभी धन नष्ट होता है तब होती है।

दोस्तों की परीक्षा संकट में होती है और जीवनसाथी की परीक्षा जब हमारा सभी धन नष्ट होता है तब होती है।

अगर कोई व्यक्ति कमजोर है तो उसे हमेशा वह ताकतवर है ऐसा ही प्रदर्शित करना चाहिए।

अगर कोई व्यक्ति कमजोर है तो उसे हमेशा वह ताकतवर है ऐसा ही प्रदर्शित करना चाहिए।

भगवान मूर्तियों में नहीं है, आपकी अनुभूति ही आपका ईश्वर और आपकी आत्मा ही मंदिर है।

भगवान मूर्तियों में नहीं है, आपकी अनुभूति ही आपका ईश्वर और आपकी आत्मा ही मंदिर है।

अपने घर को छोड़ कर और किसी के घर में रहना किसी भी पीड़ा से ज्यादा कष्टदायी है।

अपने घर को छोड़ कर और किसी के घर में रहना किसी भी पीड़ा से ज्यादा कष्टदायी है।