सम्मान की रक्षा भी हो, मांगा भी जाए और प्रियतम का नृत्य नया-नया स्नेह भी बढे – ये तीन विपरीत बातें हैं। - Tulsidas Ji Quotes

सम्मान की रक्षा भी हो, मांगा भी जाए और प्रियतम का नृत्य नया-नया स्नेह भी बढे – ये तीन विपरीत बातें हैं।

Tulsidas Ji