गुण से ही व्यक्ति की पहचान होती है, गुनी व्यक्ति सब जगह अपना आदर करा लेता है।

गुण से ही व्यक्ति की पहचान होती है, गुनी व्यक्ति सब जगह अपना आदर करा लेता है।

Kalidas

उस धन को इकट्ठा करो जो भविष्य में काम आए। सर पर धन की गठरी बांध कर ले जाते तो किसी को नहीं देखा।

उस धन को इकट्ठा करो जो भविष्य में काम आए। सर पर धन की गठरी बांध कर ले जाते तो किसी को नहीं देखा।

 वाणी एक अमूल्य रत्न के समान है। इसलिए वह ह्रदय के तराजू में तोलकर अथार्त सोच समझकर हो उसे मुंह से बाहर आने देना चाहिए।

वाणी एक अमूल्य रत्न के समान है। इसलिए वह ह्रदय के तराजू में तोलकर अथार्त सोच समझकर हो उसे मुंह से बाहर आने देना चाहिए।

 सबके बारे में भला सोचो। न किसी से ज्यादा दोस्ती रखो और न ही किसी से दुश्मनी रखो।

सबके बारे में भला सोचो। न किसी से ज्यादा दोस्ती रखो और न ही किसी से दुश्मनी रखो।

 मांगना मरने के समान है इसलिए कभी भी किसी से कुछ मत मांगो।

मांगना मरने के समान है इसलिए कभी भी किसी से कुछ मत मांगो।

सज्जन पुरुष बिना कहे ही दूसरों का भला कर देते हैं जिस प्रकार सूर्य घर घर जाकर प्रकाश देता है।

सज्जन पुरुष बिना कहे ही दूसरों का भला कर देते हैं जिस प्रकार सूर्य घर घर जाकर प्रकाश देता है।

नम्रता के सानिध्य में ऐश्वर्य की शोभा बढ़ती जाती है.

नम्रता के सानिध्य में ऐश्वर्य की शोभा बढ़ती जाती है.

दान पुण्य केवल परलोक में सुख देता है पर योग्य संतान अपनी सेवा द्वारा इस लोक और परलोक दोनों में ही सुख देती है।

दान पुण्य केवल परलोक में सुख देता है पर योग्य संतान अपनी सेवा द्वारा इस लोक और परलोक दोनों में ही सुख देती है।

विश्व महापुरुष को ढूंढता है न कि महापुरुष विश्व को.

विश्व महापुरुष को ढूंढता है न कि महापुरुष विश्व को.

काम की समाप्ति संतोषपूर्ण हो तो परिश्रम की थकान याद नहीं रहती

काम की समाप्ति संतोषपूर्ण हो तो परिश्रम की थकान याद नहीं रहती

उदय होते समय सूर्य लाल होता है और अस्त होते समय भी. उसी संपत्ति हो या विपत्ति; महँ पुरुषों में एकरूपता होती है.

उदय होते समय सूर्य लाल होता है और अस्त होते समय भी. उसी संपत्ति हो या विपत्ति; महँ पुरुषों में एकरूपता होती है.

कोई वस्तु पुरानी होने से अच्छी नहीं हो जाती और न ही कोई काव्य नया होने से निंदनीय हो जाता है।

कोई वस्तु पुरानी होने से अच्छी नहीं हो जाती और न ही कोई काव्य नया होने से निंदनीय हो जाता है।

हंस पानी मिले दूध मे से दूध पी लेता है और पानी छोड़ देता है।

हंस पानी मिले दूध मे से दूध पी लेता है और पानी छोड़ देता है।

जो सुख-दुःख के पश्चात होता है, वह साधारण सुख से अधिक सुखमय होता है.

जो सुख-दुःख के पश्चात होता है, वह साधारण सुख से अधिक सुखमय होता है.

शत्रु के छिद्र अर्थात दोष या कमजोरी को देख कर उसी पर आघात करने से विजय मिलती है.

शत्रु के छिद्र अर्थात दोष या कमजोरी को देख कर उसी पर आघात करने से विजय मिलती है.

जल आग की गर्मी से गर्म हो जाता है पर वास्तव में उसका स्वाभाव तो  ठंडा ही होता है।

जल आग की गर्मी से गर्म हो जाता है पर वास्तव में उसका स्वाभाव तो ठंडा ही होता है।

आह, मेरी इच्छाएं आशा बन जाती हैं।

आह, मेरी इच्छाएं आशा बन जाती हैं।

दुःख या सुख किसी पर सदा ही नहीं रहते. ये तो पहिए के घेरे के समान कभी नीचे, कभी ऊपर यों ही होते रहते हैं.

दुःख या सुख किसी पर सदा ही नहीं रहते. ये तो पहिए के घेरे के समान कभी नीचे, कभी ऊपर यों ही होते रहते हैं.

वृक्ष के समान बनों जो कड़ी गर्मी झेलने के बाद भी सभी को छाया देता है।

वृक्ष के समान बनों जो कड़ी गर्मी झेलने के बाद भी सभी को छाया देता है।