अंगूर को जब तक न पेरो वह मीठी मदिरा नहीं बनती। वैसे ही मनुष्य जब तक कष्ट में पिसता नहीं तब तक उसके अन्दर की सर्वोत्तम प्रतिभा बाहर नहीं आती। - Chhatrapati Shivaji Maharaj Quotes

अंगूर को जब तक न पेरो वह मीठी मदिरा नहीं बनती। वैसे ही मनुष्य जब तक कष्ट में पिसता नहीं तब तक उसके अन्दर की सर्वोत्तम प्रतिभा बाहर नहीं आती।

Chhatrapati Shivaji Maharaj

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