जो व्यक्ति सिर्फ अपने देश और सत्य के सामने झुकते है उनका आदर सभी जगह होता है।

जो व्यक्ति सिर्फ अपने देश और सत्य के सामने झुकते है उनका आदर सभी जगह होता है।

Chhatrapati Shivaji Maharaj

जिसके अंदर विनम्रता है वही जीवन में सुखी और सफल है। और विनम्रता विद्या से ही आती है।

जिसके अंदर विनम्रता है वही जीवन में सुखी और सफल है। और विनम्रता विद्या से ही आती है।

 ध्यान करना एकाग्रता देता है, संयम विवेक देता है। शांति, संतुष्टि और परोपकार मनुष्यता देती है

ध्यान करना एकाग्रता देता है, संयम विवेक देता है। शांति, संतुष्टि और परोपकार मनुष्यता देती है

जो व्यक्ति दूसरों के काम न आये, वह वास्तव में मनुष्य नहीं है।

जो व्यक्ति दूसरों के काम न आये, वह वास्तव में मनुष्य नहीं है।

दूसरों के कल्याण से बढ़कर दूसरा कोई नेक काम और धर्म नहीं होता है।

दूसरों के कल्याण से बढ़कर दूसरा कोई नेक काम और धर्म नहीं होता है।

कभी भी अपना सर नही झुकाना चाहिए बल्कि हमेसा ऊचा ही रखना चाहिए।

कभी भी अपना सर नही झुकाना चाहिए बल्कि हमेसा ऊचा ही रखना चाहिए।

अंगूर को जब तक न पेरो वह मीठी मदिरा नहीं बनती। वैसे ही मनुष्य जब तक कष्ट में पिसता नहीं तब तक उसके अन्दर की सर्वोत्तम प्रतिभा बाहर नहीं आती।

अंगूर को जब तक न पेरो वह मीठी मदिरा नहीं बनती। वैसे ही मनुष्य जब तक कष्ट में पिसता नहीं तब तक उसके अन्दर की सर्वोत्तम प्रतिभा बाहर नहीं आती।

अपने आत्मबल को जगाने वाला, खुद को पहचानने वाला और मानव जाति के कल्याण की सोच रखने वाला पूरे विश्व पर राज्य कर सकता है।

अपने आत्मबल को जगाने वाला, खुद को पहचानने वाला और मानव जाति के कल्याण की सोच रखने वाला पूरे विश्व पर राज्य कर सकता है।

आत्मबल सामर्थ्य देता है और सामर्थ्य विद्या प्रदान करती है। तथा विद्या स्थिरता प्रदान करती है और स्थिरता विजय की तरफ ले जाती है।

आत्मबल सामर्थ्य देता है और सामर्थ्य विद्या प्रदान करती है। तथा विद्या स्थिरता प्रदान करती है और स्थिरता विजय की तरफ ले जाती है।

एक पुरुषार्थी भी, एक तेजस्वी विद्वान के सामने झुकता है। क्योकी पुरुर्षाथ भी विद्या से ही आती है।

एक पुरुषार्थी भी, एक तेजस्वी विद्वान के सामने झुकता है। क्योकी पुरुर्षाथ भी विद्या से ही आती है।

स्वतंत्रता एक वरदान है, जिसे पाने का अधिकारी हर किसी को है।

स्वतंत्रता एक वरदान है, जिसे पाने का अधिकारी हर किसी को है।

इस दुनिया में प्रत्येक व्यक्ति को स्वतंत्र रहने का अधिकार है। और उस अधिकार को पाने के लिए वह किसी से भी लड़ सकता है।

इस दुनिया में प्रत्येक व्यक्ति को स्वतंत्र रहने का अधिकार है। और उस अधिकार को पाने के लिए वह किसी से भी लड़ सकता है।

अगर इंसान के पास आत्मबल है, तो वो पुरे संसार पर अपने हौसले से विजय पताका लहरा सकता है।

अगर इंसान के पास आत्मबल है, तो वो पुरे संसार पर अपने हौसले से विजय पताका लहरा सकता है।

 जो मनुष्य अपने बुरे वक्त में भी पूरी लगन से अपने कार्यों में लगा रहता है। उसके लिए समय खुद अच्छे समय में बदल जाता है।

जो मनुष्य अपने बुरे वक्त में भी पूरी लगन से अपने कार्यों में लगा रहता है। उसके लिए समय खुद अच्छे समय में बदल जाता है।

दुश्मन को कमजोर न समझो, तो अत्यधिक बलवान समझ कर डरो भी मत।

दुश्मन को कमजोर न समझो, तो अत्यधिक बलवान समझ कर डरो भी मत।

प्रतिशोध की भावना मनुष्य को जलाती रहती है। सिर्फ संयम ही प्रतिशोध को काबू करने का एक उपाय हो सकता है।

प्रतिशोध की भावना मनुष्य को जलाती रहती है। सिर्फ संयम ही प्रतिशोध को काबू करने का एक उपाय हो सकता है।

 एक सफल मनुष्य अपने कर्तव्य की पराकाष्ठा के लिए समुचित मानव जाति की चुनौती स्वीकार कर सकता है।

एक सफल मनुष्य अपने कर्तव्य की पराकाष्ठा के लिए समुचित मानव जाति की चुनौती स्वीकार कर सकता है।

यह जरूरी नहीं है कि गलती करके ही सीखा जाए। दूसरों की गलती से सीख लेते हुए भी सीखा जा सकता है।

यह जरूरी नहीं है कि गलती करके ही सीखा जाए। दूसरों की गलती से सीख लेते हुए भी सीखा जा सकता है।

शत्रु चाहे कितना ही बलवान क्यों न हो। उसे अपने इरादों और उत्साह मात्र से भी परास्त किया जा सकता है।

शत्रु चाहे कितना ही बलवान क्यों न हो। उसे अपने इरादों और उत्साह मात्र से भी परास्त किया जा सकता है।