संघर्ष से आप महान बन सकते है। आगे बढ़ना है तो संघर्ष जरूरी है।

संघर्ष से आप महान बन सकते है। आगे बढ़ना है तो संघर्ष जरूरी है।

Maharishi Valmiki

क्रोध ही व्यक्ति के समस्त सद्गुणों का नाश करता है। इसलिए क्रोध का त्याग करो।

क्रोध ही व्यक्ति के समस्त सद्गुणों का नाश करता है। इसलिए क्रोध का त्याग करो।

राजा को आदर्श व सच्चरित होना चाहिए। क्योंकि वह प्रजापालक कहलाता है।

राजा को आदर्श व सच्चरित होना चाहिए। क्योंकि वह प्रजापालक कहलाता है।

किसी के लिए घृणा का भाव अपने मन में रखने से आप खुद मैले हो जाते हो।

किसी के लिए घृणा का भाव अपने मन में रखने से आप खुद मैले हो जाते हो।

जो लोग गलत रास्ते पर चलते है, उन्हें कभी भी सच्चा ज्ञान नही प्राप्त होता है।

जो लोग गलत रास्ते पर चलते है, उन्हें कभी भी सच्चा ज्ञान नही प्राप्त होता है।

 अगर आप किसी के सेवा के लिए अपना बल लगाते है तो वह बल अमर है।

अगर आप किसी के सेवा के लिए अपना बल लगाते है तो वह बल अमर है।

 सहयोग करने वाले और सबसे मिलकर रहने वाले की सदैव जीत होती है।

सहयोग करने वाले और सबसे मिलकर रहने वाले की सदैव जीत होती है।

जैसा राजा का आचरण होता है ठीक वैसा ही प्रजा भी आचरण करती है।

जैसा राजा का आचरण होता है ठीक वैसा ही प्रजा भी आचरण करती है।

किसी व्यक्ति से ज्यादा मोह रखना भी दुःख का कारण बन सकता है।

किसी व्यक्ति से ज्यादा मोह रखना भी दुःख का कारण बन सकता है।

माता पिता की सेवा और उनकी आज्ञा पालन जैसा धर्म कोई नही है।

माता पिता की सेवा और उनकी आज्ञा पालन जैसा धर्म कोई नही है।

 बिना अच्छे चरित्र के आप महान नहीं बन सकते।

बिना अच्छे चरित्र के आप महान नहीं बन सकते।

जीवन में सदैव सुख ही मिले यह बहुत दुर्लभ है।

जीवन में सदैव सुख ही मिले यह बहुत दुर्लभ है।

जननी और जन्मभूमि स्वर्ग से भी महान है।

जननी और जन्मभूमि स्वर्ग से भी महान है।

माता पिता की सेवा करना सदैव कल्याणकारी होता है।

माता पिता की सेवा करना सदैव कल्याणकारी होता है।

सेवा से शत्रु भी मित्र हो जाता है।

सेवा से शत्रु भी मित्र हो जाता है।

प्रण को तोड़ने से पुण्य नष्ट हो जाते हैं।

प्रण को तोड़ने से पुण्य नष्ट हो जाते हैं।

स्त्री या पुरुष के लिए क्षमा ही अलंकार है।

स्त्री या पुरुष के लिए क्षमा ही अलंकार है।

जो व्यक्ति अपने पक्ष को छोड़कर दुसरो के पक्ष में मिल जाता है फिर उस पक्ष के नष्ट होने पर वह खुद ही नष्ट हो जाता है।

जो व्यक्ति अपने पक्ष को छोड़कर दुसरो के पक्ष में मिल जाता है फिर उस पक्ष के नष्ट होने पर वह खुद ही नष्ट हो जाता है।

जो व्यक्ति वीर और बलवान होते है, वे जलहीन बादलों के समान खाली गर्जना नहीं करते है।

जो व्यक्ति वीर और बलवान होते है, वे जलहीन बादलों के समान खाली गर्जना नहीं करते है।