वो कितनी बड़ी राष्ट्रीय क्रांति होगी अगर हम्मे से हर कोई खुद को शाशित करने लगे

वो कितनी बड़ी राष्ट्रीय क्रांति होगी अगर हम्मे से हर कोई खुद को शाशित करने लगे

Kiran Bedi

मैं हमेशा से ही वादे लेकर नहीं आयी, बल्कि इरादे लेकर आयी हूँ।

मैं हमेशा से ही वादे लेकर नहीं आयी, बल्कि इरादे लेकर आयी हूँ।

मेरे अजेंडे में कुछ भी बाकी नहीं है . मैं जिस दिन जो कुछ कर सकती हूँ करती हूँ . आसान है ! अगर मुझे आज मरना होता तो मैं कोई काम बाकी छोड़ कर नहीं मरती.

मेरे अजेंडे में कुछ भी बाकी नहीं है . मैं जिस दिन जो कुछ कर सकती हूँ करती हूँ . आसान है ! अगर मुझे आज मरना होता तो मैं कोई काम बाकी छोड़ कर नहीं मरती.

आचार्संघिता , शालीनता और नैतिकता असली सैनिक हैं .

आचार्संघिता , शालीनता और नैतिकता असली सैनिक हैं .

जो लोग समय रहते अपने जीवन का चार्ज नहीं ले लेते वे समय द्वारा लाठी चार्ज किये जाते हैं.

जो लोग समय रहते अपने जीवन का चार्ज नहीं ले लेते वे समय द्वारा लाठी चार्ज किये जाते हैं.

समृद्ध आधुनिक पलस्तर सबसे पुराने पेशे को फलने -फूलने देगा …और जब सौदा बुरा होगा तो महिलाएं बेईमानी होने का रोना रोयेंगी.

समृद्ध आधुनिक पलस्तर सबसे पुराने पेशे को फलने -फूलने देगा …और जब सौदा बुरा होगा तो महिलाएं बेईमानी होने का रोना रोयेंगी.

मौजूदा दृष्टिकोण में प्रबल बदलाव के बिना सम्बन्ध नहीं बन सकते .

मौजूदा दृष्टिकोण में प्रबल बदलाव के बिना सम्बन्ध नहीं बन सकते .

आगे बढ़ने के लिए खुद से चुने गए अभ्यास हैं.

आगे बढ़ने के लिए खुद से चुने गए अभ्यास हैं.

मैंने हमेशा से अपने अन्दर वंचित लोगों के लिए जीने और सेवा करने का उत्साह पाला है .

मैंने हमेशा से अपने अन्दर वंचित लोगों के लिए जीने और सेवा करने का उत्साह पाला है .

काम मुझे ‘ख़ुशी ’ देता है और हर एक शुरुआत स्वयं की खोज का एक रास्ता है

काम मुझे ‘ख़ुशी ’ देता है और हर एक शुरुआत स्वयं की खोज का एक रास्ता है

विकास ये मन और मानसिकता के अंतर के ही बराबर है।

विकास ये मन और मानसिकता के अंतर के ही बराबर है।

आप अपने नाम की वजह से कभी उत्कृष्ट नही बनते, जबकि आप अपनी कंपनी के श्रेष्ट गुणों की वजह से उत्कृष्ट बनते हो।

आप अपने नाम की वजह से कभी उत्कृष्ट नही बनते, जबकि आप अपनी कंपनी के श्रेष्ट गुणों की वजह से उत्कृष्ट बनते हो।

समय की धारा में, जब कुछ देने की हमारी बारी आती है तब हमे ऐसे पेड़ो की बुआई करनी चाहिए जिसके फल भले ही हमे कभी खाने न मिले हो लेकिन वे आने वाली पीढ़ी के लिए उपयोगी होने चाहिए।

समय की धारा में, जब कुछ देने की हमारी बारी आती है तब हमे ऐसे पेड़ो की बुआई करनी चाहिए जिसके फल भले ही हमे कभी खाने न मिले हो लेकिन वे आने वाली पीढ़ी के लिए उपयोगी होने चाहिए।

हमारी संपत्ति हर शाम दरवाजे से बाहर जाती है। लेकिन हमें इस बात का पूरा भरोसा होना चाहिए की अगली सुबह वे जरूर वापिस आएँगी।

हमारी संपत्ति हर शाम दरवाजे से बाहर जाती है। लेकिन हमें इस बात का पूरा भरोसा होना चाहिए की अगली सुबह वे जरूर वापिस आएँगी।

आदर, पहचान और पुरस्कार पर ही हमारा प्रदर्शन निर्भर होता है।

आदर, पहचान और पुरस्कार पर ही हमारा प्रदर्शन निर्भर होता है।

पैसो की असली ताकत उसे दूसरे को देने में ही है।”

पैसो की असली ताकत उसे दूसरे को देने में ही है।”

प्रगति अक्सर मन और मानसिकता के अंतर के बराबर होती है।

प्रगति अक्सर मन और मानसिकता के अंतर के बराबर होती है।

जब संदेह में हों, तो बता दें।

जब संदेह में हों, तो बता दें।

एक मुमकिन असंभावना एक निश्चित सम्भावना की तुलना में बेहतर है।

एक मुमकिन असंभावना एक निश्चित सम्भावना की तुलना में बेहतर है।