तुम्हारे विचार तुम्हारी जिंदगी को निर्मित करते हैं।
सफलता का रहस्य है आपका सीरियसली इच्छित होना, सबकुछ करने की तैयारी होना।
आप जो कुछ भी सोचते हैं, वह बनता है।
आप आपकी सोच बदल सकते हैं, आप आपकी जिंदगी बदल सकते हैं।
संसार में भी जो योगी बिना किसी व्यक्तिगत उद्देश्य या आसक्ति के अपने दायित्वों का निष्ठापूर्वक निर्वहन करता है, वह आत्मज्ञान के निश्चित मार्ग पर चलता है।
अगर तुम संदेह करने आओगे, तो मैं तुम्हें संदेह करने का हर कारण दूंगा। लेकिन अगर तुम प्यार की तलाश में आओगे, तो मैं तुम्हें उससे भी ज़्यादा प्यार दिखाऊंगा, जितना तुमने कभी जाना होगा।
दूसरों को अपनी वाणी से प्रसन्न करना तथा सही सलाह देकर उन्हें खुश करना ही सच्ची महानता की निशानी है।
दैवी क्षेत्र पार्थिव तक फैला हुआ है; किन्तु पार्थिव, जो प्रकृति में भ्रामक है, उसमें वास्तविकता का सार नहीं है।
अपने पूरे जीवन में ईश्वर को प्रकट करने से दुनिया शांति और सद्भाव का घर बन जाएगी।
मेरा स्वभाव प्रेम है: क्योंकि केवल प्रेम ही इस संसार को बदल सकता है।
अपने विचारों और सपनों में हमेशा ईश्वर को रखें।
शुद्ध मन से ही शुद्ध कर्मों की शुरुआत होगी।
हमें सच्चा प्रेम प्रभु से प्राप्त होता है। किसी व्यक्ति से क्या होगा, कोई व्यक्ति हमसे प्यार कर ही नहीं सकता क्योंकि वो हमे जानता ही नहीं तो कैसे करेगा।
स्वयं को ईश्वर को समर्पित कर दो। यह जीवन जैसा भी है, उनका दिया हुआ है।
क्रोध को शांत करने के लिए एक ही उपाय है... बजाय यह सोचने के कि उसका हमारे प्रति क्या कर्तव्य है, हम यह सोचे कि हमारा उसके प्रति क्या कर्तव्य है।
कोई व्यक्ति तुम्हें दु:ख नहीं देता बल्कि तुम्हारे कर्म उस व्यक्ति के द्वारा दु:ख के रूप में प्राप्त होते हैं।
सत्य की राह में चलने वाले की निंदा बुराई अवश्य होती है। इससे घबराना नहीं चाहिए। यह आपके बुरे कर्मों का नाश करती है।