महावतार बाबाजी के प्रेरक विचार

00+ Best Mahavatar Babaji Quotes in Hindi

शुद्ध मन से ही शुद्ध कर्मों की शुरुआत होगी।

शुद्ध मन से ही शुद्ध कर्मों की शुरुआत होगी।

अपने विचारों और सपनों में हमेशा ईश्वर को रखें।

अपने विचारों और सपनों में हमेशा ईश्वर को रखें।

मेरा स्वभाव प्रेम है: क्योंकि केवल प्रेम ही इस संसार को बदल सकता है।

मेरा स्वभाव प्रेम है: क्योंकि केवल प्रेम ही इस संसार को बदल सकता है।

अपने पूरे जीवन में ईश्वर को प्रकट करने से दुनिया शांति और सद्भाव का घर बन जाएगी।

अपने पूरे जीवन में ईश्वर को प्रकट करने से दुनिया शांति और सद्भाव का घर बन जाएगी।

प्रेम वह अविचलित संतुलन है जो इस ब्रह्मांड को एक साथ बांधता है।

प्रेम वह अविचलित संतुलन है जो इस ब्रह्मांड को एक साथ बांधता है।

दैवी क्षेत्र पार्थिव तक फैला हुआ है; किन्तु पार्थिव, जो प्रकृति में भ्रामक है, उसमें वास्तविकता का सार नहीं है।

दैवी क्षेत्र पार्थिव तक फैला हुआ है; किन्तु पार्थिव, जो प्रकृति में भ्रामक है, उसमें वास्तविकता का सार नहीं है।

दूसरों को अपनी वाणी से प्रसन्न करना तथा सही सलाह देकर उन्हें खुश करना ही सच्ची महानता की निशानी है।

दूसरों को अपनी वाणी से प्रसन्न करना तथा सही सलाह देकर उन्हें खुश करना ही सच्ची महानता की निशानी है।

अगर तुम संदेह करने आओगे, तो मैं तुम्हें संदेह करने का हर कारण दूंगा। लेकिन अगर तुम प्यार की तलाश में आओगे, तो मैं तुम्हें उससे भी ज़्यादा प्यार दिखाऊंगा, जितना तुमने कभी जाना होगा।

अगर तुम संदेह करने आओगे, तो मैं तुम्हें संदेह करने का हर कारण दूंगा। लेकिन अगर तुम प्यार की तलाश में आओगे, तो मैं तुम्हें उससे भी ज़्यादा प्यार दिखाऊंगा, जितना तुमने कभी जाना होगा।

संसार में भी जो योगी बिना किसी व्यक्तिगत उद्देश्य या आसक्ति के अपने दायित्वों का निष्ठापूर्वक निर्वहन करता है, वह आत्मज्ञान के निश्चित मार्ग पर चलता है।

संसार में भी जो योगी बिना किसी व्यक्तिगत उद्देश्य या आसक्ति के अपने दायित्वों का निष्ठापूर्वक निर्वहन करता है, वह आत्मज्ञान के निश्चित मार्ग पर चलता है।