हमें सच्चा प्रेम प्रभु से प्राप्त होता है। किसी व्यक्ति से क्या होगा, कोई व्यक्ति हमसे प्यार कर ही नहीं सकता क्योंकि वो हमे जानता ही नहीं तो कैसे करेगा।

हमें सच्चा प्रेम प्रभु से प्राप्त होता है। किसी व्यक्ति से क्या होगा, कोई व्यक्ति हमसे प्यार कर ही नहीं सकता क्योंकि वो हमे जानता ही नहीं तो कैसे करेगा।

Shri Aniruddhacharya Ji Maharaj

संसार में भी जो योगी बिना किसी व्यक्तिगत उद्देश्य या आसक्ति के अपने दायित्वों का निष्ठापूर्वक निर्वहन करता है, वह आत्मज्ञान के निश्चित मार्ग पर चलता है।

संसार में भी जो योगी बिना किसी व्यक्तिगत उद्देश्य या आसक्ति के अपने दायित्वों का निष्ठापूर्वक निर्वहन करता है, वह आत्मज्ञान के निश्चित मार्ग पर चलता है।

अगर तुम संदेह करने आओगे, तो मैं तुम्हें संदेह करने का हर कारण दूंगा। लेकिन अगर तुम प्यार की तलाश में आओगे, तो मैं तुम्हें उससे भी ज़्यादा प्यार दिखाऊंगा, जितना तुमने कभी जाना होगा।

अगर तुम संदेह करने आओगे, तो मैं तुम्हें संदेह करने का हर कारण दूंगा। लेकिन अगर तुम प्यार की तलाश में आओगे, तो मैं तुम्हें उससे भी ज़्यादा प्यार दिखाऊंगा, जितना तुमने कभी जाना होगा।

दूसरों को अपनी वाणी से प्रसन्न करना तथा सही सलाह देकर उन्हें खुश करना ही सच्ची महानता की निशानी है।

दूसरों को अपनी वाणी से प्रसन्न करना तथा सही सलाह देकर उन्हें खुश करना ही सच्ची महानता की निशानी है।

दैवी क्षेत्र पार्थिव तक फैला हुआ है; किन्तु पार्थिव, जो प्रकृति में भ्रामक है, उसमें वास्तविकता का सार नहीं है।

दैवी क्षेत्र पार्थिव तक फैला हुआ है; किन्तु पार्थिव, जो प्रकृति में भ्रामक है, उसमें वास्तविकता का सार नहीं है।

प्रेम वह अविचलित संतुलन है जो इस ब्रह्मांड को एक साथ बांधता है।

प्रेम वह अविचलित संतुलन है जो इस ब्रह्मांड को एक साथ बांधता है।

अपने पूरे जीवन में ईश्वर को प्रकट करने से दुनिया शांति और सद्भाव का घर बन जाएगी।

अपने पूरे जीवन में ईश्वर को प्रकट करने से दुनिया शांति और सद्भाव का घर बन जाएगी।

मेरा स्वभाव प्रेम है: क्योंकि केवल प्रेम ही इस संसार को बदल सकता है।

मेरा स्वभाव प्रेम है: क्योंकि केवल प्रेम ही इस संसार को बदल सकता है।

अपने विचारों और सपनों में हमेशा ईश्वर को रखें।

अपने विचारों और सपनों में हमेशा ईश्वर को रखें।

शुद्ध मन से ही शुद्ध कर्मों की शुरुआत होगी।

शुद्ध मन से ही शुद्ध कर्मों की शुरुआत होगी।

स्वयं को ईश्वर को समर्पित कर दो। यह जीवन जैसा भी है, उनका दिया हुआ है।

स्वयं को ईश्वर को समर्पित कर दो। यह जीवन जैसा भी है, उनका दिया हुआ है।

 क्रोध को शांत करने के लिए एक ही उपाय है... बजाय यह सोचने के कि उसका हमारे प्रति क्या कर्तव्य है, हम यह सोचे कि हमारा उसके प्रति क्या कर्तव्य है।

क्रोध को शांत करने के लिए एक ही उपाय है... बजाय यह सोचने के कि उसका हमारे प्रति क्या कर्तव्य है, हम यह सोचे कि हमारा उसके प्रति क्या कर्तव्य है।

कोई व्यक्ति तुम्हें दु:ख नहीं देता बल्कि तुम्हारे कर्म उस व्यक्ति के द्वारा दु:ख के रूप में प्राप्त होते हैं।

कोई व्यक्ति तुम्हें दु:ख नहीं देता बल्कि तुम्हारे कर्म उस व्यक्ति के द्वारा दु:ख के रूप में प्राप्त होते हैं।

सत्य की राह में चलने वाले की निंदा बुराई अवश्य होती है। इससे घबराना नहीं चाहिए। यह आपके बुरे कर्मों का नाश करती है।

सत्य की राह में चलने वाले की निंदा बुराई अवश्य होती है। इससे घबराना नहीं चाहिए। यह आपके बुरे कर्मों का नाश करती है।

दिल के सच्चे लोग भले ही जीवन में अकेले रह जाते हैं लेकिन ऐसे लोगों का साथ भगवान ज़रूर देते हैं…

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दुखिया को न सताइए दुखिया देवेगा रोए, दुखिया का जो मुखिया सुने, तो तेरी गति क्या होए।

दुखिया को न सताइए दुखिया देवेगा रोए, दुखिया का जो मुखिया सुने, तो तेरी गति क्या होए।

जिंदगी में हर मौके का फायदा उठाओ, पर किसी की मजबूरी और भरोसे का नही,

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जब दर्द और कड़वी बोली दोनों सहन होने लगे, तो समझ लेना जीना आ गया !

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जिनके मुख में प्रभु का नाम नहीं है, वह भले ही जीवित है लेकिन मुख से मरा हुआ है।

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